रांची। झारखंड के कई जिलों में चमगादड़ों की मौत हो रही है। गढ़वा, पलामू और गिरिडीह के बाद अब हजारीबाग में चमगादड़ों मौत हुई है।
दरअसल, राज्य में पड़ रही भीषण गर्मी का कहर चमगादड़ों पर टूट रहा है। गर्मी का आलम यह है कि जैसे-जैसे पारा ऊपर जा रहा है, चमगादड़ दम तोड़ रहे हैं।
ऐसे में दुर्लभ प्रजाति में से एक चमगादड़ों का इस तरह मारा जाना प्रकृति के साथ-साथ वन विभाग के लिए भी चिंता का विषय बन गया है।
बता दें कि हजारीबाग जिले में भारी संख्या में चमगादड़ पाए जाते हैं। भीषण गर्मी की वजह से कई चमगादड़ों की मौत हो गई।
स्थानीय लोगों ने बताया कि जिले का तापमान अचानक बढ़ने पर इनकी मौत हुई है। उन्होंने कहा कि चमगादड़ की मौत बीते कई दिनों से हो रही है, लेकिन इधर कुछ दिनों में संख्या में इजाफा हुआ है। बीते 48 घंटो मे हीटवेव की वजह से सैंकड़ों चमगादड़ की जान चुकी है।
जानकार बताते हैं कि चमगादड़ों का पंख नहीं झिल्ली होता है और वे अधिक तापमान सहन नहीं कर पाते हैं।
जिस कारण चमगादड़ों की मौत हो जाती है। जहां पानी का जरिया नहीं है, वहां भीषण गर्मी की वजह से इनकी मौत हो रही है।
झील परिसर स्थित जिला आधिकारी के आवास के करीब काफी संख्या में चमगादड़ रहते हैं।
लोगों ने बताया कि झील की वजह से आसपस का वातावरण सामान्य रहता है। पानी की मौजूदगी से तापमान संतुलित रहता है।
इससे चमगादड़ भीषण गर्मी के प्रकोप से बच जाते हैं। गर्मी से बचने के लिए चमगादड़ झील के पानी में चले जाते हैं।
ठंडे पानी की वजह से शरीर का तापमान कम हो जाता है। बाकी जगहों पर बढ़ते तापमान के साथ पानी का सोर्स नहीं होने की वजह से चमगादड़ मारे जा रहे हैं।
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