RBI regarding ban on online:
नई दिल्ली, एजेंसियां। बैंकों और वित्तीय कंपनियों ने शुक्रवार को वित्तीय सेवा विभाग और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के साथ हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से पैसे से जुड़े ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लागू करने के लिए विस्तृत दिशानिर्देश की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, बैठक में इस नए कानून के प्रावधानों को समझने और इसे लागू करने में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई।
ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक:
हाल ही में सरकार ने ‘ऑनलाइन गेमिंग प्रोत्साहन एवं विनियमन अधिनियम’ के तहत सभी प्रकार की ऑनलाइन मनी गेमिंग पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम आत्महत्या की घटनाओं और आर्थिक नुकसान की बार-बार शिकायतों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियों की चिंताएं:
सूत्रों ने बताया कि मीटिंग के दौरान इस कानून के प्रावधानों को समझने की कोशिश की गई, ताकि बैंकों और फाइनेंशियल कंपनियां इसे प्रभावी रूप से लागू कर सकें। इसके अलावा, इन कंपनियों ने पाबंदी के आदेश को लागू करने के लिए आरबीआई से विस्तृत दिशानिर्देशों की मांग की और अनुपालन तंत्र को दुरुस्त करने के लिए अतिरिक्त समय देने की भी अपील की।
नियमों का उल्लंघन करने पर सख्त सजा:
नए कानून के तहत, ऑनलाइन मनी गेम्स के विज्ञापन दिखाने पर दो साल तक की सजा और 50 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। वहीं, इन खेलों के लिए पैसों के ट्रांसफर की सुविधा देने पर तीन साल तक की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। बार-बार अपराध करने पर तीन से पांच साल की जेल और दो करोड़ रुपये तक का दंड भी लगाया जा सकता है।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की प्रतिक्रिया:
इस नए नियम के तहत, कई प्रमुख ऑनलाइन मनी गेमिंग कंपनियों ने सरकार के फैसले को देखते हुए अपनी सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है। सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती विदेशी ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म पर रोक लगाना है, जिनकी पहुंच भारत में बहुत तेजी से बढ़ी है।
ऑनलाइन मनी गेमिंग के खतरे:
एक अनुमान के अनुसार, भारत में करीब 45 करोड़ लोग ऑनलाइन मनी गेमिंग की लत के शिकार हैं, और इसके कारण एक साल में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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