Baby Test’s:
शिशु के जन्म के तुरंत बाद कुछ टेस्ट बेहद जरूरी होते हैं ताकि बच्चे को आगे चलकर किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना न करना पड़े। ये टेस्ट न केवल बच्चे की सेहत का आकलन करने में मदद करते हैं, बल्कि कई गंभीर बीमारियों का समय रहते इलाज करने में भी सहायक होते हैं।
कई बार जन्म के समय बच्चों में समस्याएं स्पष्ट नहीं होतीं, लेकिन अगर इन्हें समय रहते पहचाना न जाए, तो वे गंभीर रूप ले सकती हैं।
जरूरी नवजात टेस्ट:
Baby Test’s: एपीगार स्कोर (APGAR Test):
जन्म के तुरंत बाद बच्चे की सांस, दिल की धड़कन, मांसपेशियों की ताकत, रिफ्लेक्स और स्किन कलर की जांच करने के लिए यह टेस्ट किया जाता है। यह बच्चे की स्थिति का मूल्यांकन करता है कि वह जन्म के समय कितनी अच्छी हालत में है।
Baby Test’s: न्यूबॉर्न स्क्रीनिंग टेस्ट (Newborn Screening Test):
शिशु की एड़ी से खून लेकर यह ब्लड टेस्ट किया जाता है। यह थायरॉइड, फिनाइलकेटोनूरिया (PKU), सिकल सेल एनीमिया, गैलैक्टोसीमिया और अन्य 50 से अधिक अनुवांशिक बीमारियों की जांच करता है।
Baby Test’s: हियरिंग टेस्ट (Hearing Test):
इस टेस्ट के माध्यम से बच्चे की सुनने की क्षमता की जांच की जाती है। यदि बच्चा सुनने में कमजोर है, तो समय रहते स्पीच थेरेपी और इलाज शुरू किया जा सकता है।
Baby Test’s: जौंडिस टेस्ट (Bilirubin Test):
नवजातों में पीलिया सामान्य होता है, लेकिन अगर बिलिरुबिन का स्तर ज्यादा हो तो यह खतरनाक हो सकता है। इस टेस्ट से पीलिया की गंभीरता का मूल्यांकन किया जाता है।
Baby Test’s: पल्स ऑक्सीमेट्री टेस्ट (Pulse Oximetry):
इस टेस्ट से यह पता चलता है कि बच्चे के शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा सही है या नहीं। इससे हार्ट की कुछ जन्मजात समस्याओं का समय रहते पता चल सकता है।
Baby Test’s: क्यों जरूरी हैं ये टेस्ट?
इन परीक्षणों के माध्यम से जन्मजात बीमारियों का जल्दी पता चलने से इलाज सही समय पर शुरू हो सकता है। इससे बच्चे का मानसिक और शारीरिक विकास भी सामान्य रहता है और उसे भविष्य में गंभीर समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता।
नवजात की सेहत की सही स्थिति जानने के लिए ये टेस्ट बेहद महत्वपूर्ण हैं, और यह सुनिश्चित करने में मदद करते हैं कि बच्चा स्वस्थ और सुरक्षित हैं या नहीं।
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