Babulal Marandi:
रांची। झारखंड के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने एसीबी पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि राज्य के उत्पाद विभाग से एसीबी (ACB) द्वारा आधी रात को ट्रक भरकर दस्तावेज संदेहास्पद तरीके से कहीं ले जाया गया है। यह कोई सामान्य प्रक्रिया नहीं थी, बल्कि “गुप्त और संदिग्ध परिस्थितियों” में की गई कार्रवाई थी।
मुख्यमंत्री से पूछा सवालः
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि “माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी, मंगलवार की रात एक चौंकाने वाली घटना की जानकारी मिल रही है। हमें बताया गया है कि उत्पाद विभाग से एसीबी द्वारा भारी मात्रा में कागजात रात के अंधेरे में ले जाए गए। यह किसी भी प्रकार की सामान्य डे-टू-डे प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था, बल्कि पूरी तरह से गुप्त और संदिग्ध परिस्थितियों में अंजाम दिया गया। आश्चर्य की बात यह है कि यह पूरी कार्रवाई राज्य में अवैध रूप से पद पर बैठे डीजीपी के सीधे हस्तक्षेप एवं निगरानी में हुई।
“अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिरकार एक ट्रक कागजात आधी रात को ही क्यों हटाए गए?
क्या एसीबी और उत्पाद विभाग के भीतर किसी बड़े भ्रष्ट खेल की तैयारी चल रही है?
क्या यह कार्रवाई कुछ चुनिंदा अधिकारियों और राजनीतिक सरगनाओं को बचाने के लिए की गई है?
साक्ष्य मिटाने की कोशिशः
बाबूलाल ने कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, यह कदम सीधे-सीधे महत्वपूर्ण साक्ष्यों को मिटाने और आने वाले समय में ED अथवा CBI की एंट्री से पहले जमीन तैयार करने का प्रयास प्रतीत होता है। यानी भ्रष्टाचार और घोटालों के सबूतों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।”
“माननीय मुख्यमंत्री जी, यह आपकी संवैधानिक जिम्मेदारी है कि राज्य की जनता के हितों की रक्षा करें और सुनिश्चित करें कि एक भी साक्ष्य नष्ट न हो। जनता यह जानने का हक रखती है कि किसे बचाने के लिए यह खेल खेला जा रहा है और किसके इशारे पर सबूत मिटाए जा रहे हैं। क्या किसी भी विभाग के काग़ज़ात बिना फ़ोटो स्टेट करवाये एवं विधिवत विस्तार पूर्वक ज़ब्ती सूचि बनवाये बिना रात के अंधेरे में गुप-चुप तरीक़े से उठाकर ले जाने का प्रावधान है? क्या यह आपकी जानकारी और सहमति से हुआ है या नहीं?
पहले भी गुपचुप तरीके से फाइले ले जायी गईः
बाबूलाल ने कहा कि अख़बारों से यह भी पता चला कि पहले भी एसीबी वाले कुछ ऐसे फ़ाइल उठाकर ले गये हैं, जिसके चलते अभी शराब दुकानों के अगले आवंटन में मुश्किल हो रही है और इस वजह से राजस्व की हानि संभावित है। मुख्यमंत्री जी, इस गंभीर मामले का संज्ञान लीजिये।
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