Babulal Marandi:
रांची। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने DMFT (District Mineral Foundation Trust ) फंड घोटाले को उजागर करते हुए सीबीआइ जांच की मांग की। मरांडी ने सोमवार को मीडिया के समक्ष घोटाले के कई सबूत भी पेश किये। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने DMFT फंड को अपने निजी लाभ का साधन बना लिया है और अधिकारियों को इसे निकालने के लिए लगाए रखा है।
उनका दावा है कि लूट का सारा पैसा सीधे मुख्यमंत्री की तिजोरी में जमा हो रहा है। मरांडी ने कहा कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए। उन्होंने बताया कि वे बोकारो जिले में हुई लूट का उदाहरण दे रहे हैं, लेकिन इस प्रकार की लूट पूरे राज्य में हुई है। जांच के बाद ही पूरा सच सामने आ सकता है।
Babulal Marandi: पीएम मोदी का उदाहरण दियाः
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने खनन क्षेत्र में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद लोगों की समस्याओं को करीब से देखा और महसूस किया। यही वजह थी कि खनिज उत्खनन वाले जिलों के लिए DMFT फंड की व्यवस्था की गई, ताकि सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा सकें।
मरांडी ने वित्तीय आंकड़े साझा करते हुए बोकारो जिले में वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 मंस 631 करोड़ रुपए के DMFT फंड के आवंटन का उल्लेख किया। उनका कहना है कि इस फंड की लूट कई कंपनियों और जिला प्रशासन की मिलीभगत से की गई।
Babulal Marandi: करोड़ों की लूट का दावाः
उन्होंने बताया कि इस दौरान 46 पंचायतों में जेनरेटर की आपूर्ति, 1666 आंगनबाड़ी केंद्रों में डिजिटल मेट्स की आपूर्ति, स्कूलों में टैब लैब, शहर में 187 हाई मास्ट लाइट की आपूर्ति, एलईडी वेन की खरीद, सरकारी भवनों में तड़ित चालक, बाला पेंटिंग, सौर ऊर्जा पंपसेट, स्कूलों में मॉड्यूलर किचन का निर्माण, स्मार्ट मॉडल स्कूल का उन्नयन, छात्रों के लिए कोचिंग, कौशल विकास और प्लेसमेंट सहित कई परियोजनाओं में करोड़ों रुपए की लूट हुई।
मरांडी ने कहा कि बार-बार निविदा निकालना और बाजार दर से दस गुना अधिक मूल्य पर सामग्री की आपूर्ति दिखाकर भुगतान करना ऐसे मामले हैं, जो बड़े पैमाने पर हुए घोटाले की सच्चाई उजागर करते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह घोटाला केवल मुख्यमंत्री के निर्देशन में ही संभव हो पाया है। कोई अधिकारी इतनी बेखौफता से अकेले काम नहीं कर सकता। इसलिए जांच राज्य सरकार की एजेंसी द्वारा नहीं बल्कि सीबीआई से होनी चाहिए।
Babulal Marandi: सामाजिक संगठनों को धमकाया जा रहाः
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सामाजिक संगठनों को सूचना मांगने पर धमकियां दी जा रही हैं। मौके पर प्रदेश सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह और अशोक बड़ाइक भी मौजूद थे।
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