रांची। झारखंड की ट्रेजरी से निकाले गये 2812 करोड़ रुपये का हिसाब नहीं मिलने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। इस बाबत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने गंभीर सवाल उठाये हैं।
उन्होंने सोशल मीडिया पर जारी एक पोस्ट में कहा है, झारखंड सरकार के खजाने से 2,812 करोड़ रुपये के गबन का गंभीर मामला सामने आया है। यह राशि पिछले कई सालों में एसी-डीसी बिल के तहत एडवांस के रूप में निकाली गई, लेकिन अब तक इसका कोई हिसाब नहीं दिया गया।
महालेखाकार (CAG) ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि 4,937 करोड़ रुपये के डीसी बिल लंबित हैं, जिनमें से सिर्फ 1,698 करोड़ रुपये का समायोजन हुआ है।
मराडी ने कहा, रिपोर्ट के अनुसार, विशेष रूप से, ग्रामीण विकास विभाग से 411 करोड़ रुपये अन्य विभागों ने निकाले, जिसका कोई हिसाब नहीं। नियमों के अनुसार, एडवांस में निकाली गई राशि का उपयोग और हिसाब एक महीने के भीतर देना अनिवार्य है, लेकिन राज्य सरकार के कई विभाग इस प्रक्रिया को सालों से नजरअंदाज कर रहे हैं।
मार्च 2023 में गठित उच्चस्तरीय समिति ने इस मुद्दे की समीक्षा की थी, लेकिन इसके बाद भी रिपोर्ट पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। गबन का यह मामला न केवल सरकारी तंत्र की उदासीनता को दर्शाता है, बल्कि वित्तीय पारदर्शिता पर भी गंभीर सवाल उठाता है
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