Asian stock markets:
मुंबई, एजेंसियां। शेयर बाजार में सोमवार 7 अप्रैल को बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स 3000 अंक यानी 4% गिरकर करीब 72,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में 900 अंक यानी 4.50% की गिरावट है। ये 22,000 से नीचे कारोबार कर रहा है।
Asian stock markets: सभी शयेरों में गिरावटः
सेंसेक्स के सभी 30 शेयर गिरकर कारोबार कर रहे हैं। टाटा स्टील, टाटा मोटर्स और इंफोसिस करीब 10% टूटे हैं। टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक और L&T में भी 8% की गिरावट है।
NSE के सेक्टोरल इंडेक्स में निफ्टी मेटल सबसे ज्यादा 8% टूटा है। आईटी, ऑयल एंड गैस और हेल्थकेयर इंडेक्स में करीब 7% की गिरावट है। ऑटो, रियल्टी और मीडिया इंडेक्स 5% से ज्यादा नीचे हैं।
Asian stock markets : हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% टूटा, चीनी इंडेक्स भी 6.50% नीचेः
एशियाई बाजारों में जापान के निक्केई में 6%, कोरिया के कोस्पी इंडेक्स में 4.50%, चीन का शंघाई इंडेक्स 6.50% नीचे है। हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग 10% नीचे हैं।
NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज पर ट्रेड होने वाला गिफ्ट निफ्टी करीब 800 पॉइंट (3.60%) गिरकर 22180 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
3 अप्रैल को अमेरिका का डाउ जोन्स 3.98%) गिरकर 40,545 पर बंद हुआ। S&P 500 इंडेक्स में 4.84% की गिरावट रही। नैस्डेक कंपोजिट 5.97% गिरा।
फाइनेंशियल कॉमेंटेटर जिम क्रैमर ने 1987 जैसे ‘ब्लैक मंडे’ आने की भविष्यवाणी की है। क्रैमर ने कहा- अमेरिकी बाजार आज 22% तक गिर सकता है।
Asian stock markets: बाजार में गिरावट के तीन कारणः
ट्रम्प का रेसिप्रोकल टैरिफ: अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। भारत के अलावा चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन पर 20%, साउथ कोरिया पर 25%, जापान पर 24%, वियतनाम पर 46% और ताइवान पर 32% टैरिफ लगेगा।
चीन ने भी अमेरिका पर 34% टैरिफ लगाया: चीन ने शुक्रवार को अमेरिका पर 34% जवाबी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। नया टैरिफ 10 अप्रैल से लागू होगा। दो दिन पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाया था। इसमें चीन पर 34% अतिरिक्त टैरिफ लगाया गया था। अब चीन ने उतना ही टैरिफ अमेरिका पर लगा दिया है।
इकोनॉमिक स्लोडाउन की चिंता: टैरिफ से सामान महंगा होने पर लोग कम खरीदारी करेंगे, जिससे अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो सकती है। साथ ही, मांग कम होने से कच्चे तेल की कीमतें भी गिरी हैं। ये कमजोर इकोनॉमिक एक्टिविटी का संकेत है। इससे निवेशकों का भरोसा डगमगाया है।
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