मुंबई : अशोक कुमार बॉलीवुड इंडस्ट्री के पहले स्टार माने जाते हैं। स्टारडम की शुरुआत उन्हीं से हुई।
उनका एक फैशन स्टेटमेंट था। एक अंदाज था। उन्होंने 7 दशकों तक फिल्मों में काम किया। ये एक बेहद लंबा समय है। और शायद ही इतनी लंबी ड्यूरेशन तक किसी ने फिल्में की होंगी।
अशोक कुमार की तरह ही उनके छोटे भाई किशोर कुमार भी उस्तादों के उस्ताद निकले। उन्होंने कई सारी फिल्मों में एक्टिंग की और अपनी सुरीली आवाज के जादू से सभी को मदहोश कर दिया।
लेकिन इन दोनों भाइयों के जीवन में एक बुरा क्वाइंसिडेंस हुआ. एक ऐसा क्वाइंसिडेंस जिसके बाद से दादामुनि ने कभी अपना जन्मदिन ना मनाने की कसम खा ली।
बॉलीवुड इंडस्ट्री में कुछ अच्छी यादें हैं तो कुछ बुरी यादें भी जुड़ी हुई हैं। 13 अक्टूबर, 1911 को भागलपुर में दादामुनि का जन्म हुआ।
लेकिन इसी दिन साल 1987 को उनके छोटे भाई किशोर कुमार का निधन हो गया जब वे 76 साल के थे।
इस घटना से दादामुनि को गहरा सदमा लगा। इसके बाद से ही उन्होंने प्रण कर लिया कि वे कभी भी अपना जन्मदिन सेलिब्रेट नहीं करेंगे।
उन्होंने इसी दिन ये कसम खाई थी कि वे कभी भी अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे और उन्होंने मरते दम तक अपना जन्मदिन नहीं मनाया।
अशोक कुमार का अपने भाई किशोर कुमार से बेहद खास रिश्ता था। किशोर कुमार को पहले दादामुनि ने अपनी तरह एक्टर बनाना चाहा।
लेकिन किशोर एक्टिंग नहीं करना चाहते थे और वे बॉलीवुड इंडस्ट्री में प्लैबैक सिंगिंग करना चाहते थे।
संगीत के प्रति किशोर के रुझान को अशोक कुमार ने देर-सवेर समझा और उनका सपोर्ट भी किया।
दोनों की उम्र में यूं तो 18 साल का अंतर था लेकिन दोनों के आत्मीय संबंध दोस्ताना थे। हालांकि वो बात अलग थी कि दोनों के बीच मनमुटाव भी चलता रहता था।
अशोक कुमार ने अपने करियर में कई हिट फिल्मों में काम किया। वे जीवन नैया, अछूत कन्या, जन्मभूमि, इ्ज्जत, प्रेम कहानी, किस्मत, मासूम, बेजुबान, गुमराह, ज्वेल थीव, आशीर्वाद, खूबसूरत, सफर, शराफत, छोटी सी बात, मिस्टर इंडिया, गुड्डी, प्रेम नगर, अर्जुन पंडित और आनंद आश्रम समेत कई सारी फिल्मों में नजर आए।
उन्होंने तबला भी सीखा हुआ था और रेखा की फिल्म खूबसूरत में उन्होंने बकायदा बोलों के साथ तबला प्ले किया था। अशोक कुमार एक बेहद प्रभावशाली और प्रतिभावान शख्सियत रहे।
इसे भी पढ़ें
भाजपा ने बार-बार तमिलनाडु के लोगों पर अपनी इच्छा थोपने की कोशिश की: कांग्रेस