Argha system in Babadham
रांची-देवघर। श्रावण मास की शुरुआत आज से हो गई है। सावन शुरू होते ही हर तरफ कावंरियों बाबाधाम और रांची पहाड़ी मंदिर में कावंरियों का जत्था उमड़ने लगा है। इसके साथ ही फिजा बोलबम के जयकारे से गुंजायमान हो गई है। वहीं देवघर स्थित बाबाधाम में श्रद्धालु जलाभिषेक के लिए उमड़ने लगे हैं। यहां बाबाघाम में अरघा सिस्टम से जलाभिषेक किया जा रहा है।
Argha system in Babadhamइस सावन 4 सोमवारः
यह महीना भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे पवित्र माना जाता है। इस बार सावन में कुल चार सोमवार पड़ेंगे। पहला सोमवार 14 जुलाई को पड़ेगा और इसी दिन सावन का पहला व्रत रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन का पहला सोमवार विशेष फलदायी माना जाता है। देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ धाम में शुक्रवार को श्रद्धालुओं और कांवरियों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। तड़के सुबह 3 बजे मंदिर के पट खोले गए। इसके बाद कांचा जल स्नान और पारंपरिक सरदारी पूजा विधि से भगवान शिव की पूजा की गई। पूजा के बाद अरघा से जल अर्पित करने की प्रक्रिया शुरू हुई।
Argha system in Babadham:मंदिर में कावंरियों की लंबी कतारेः
कांवरियों की लंबी कतारें सुबह से ही मंदिर परिसर में देखी गईं। पूरा देवघर ‘बोल बम’ के जयघोष से गूंज रहा है। श्रद्धालु कतारबद्ध होकर बाबा बैद्यनाथ का जयकारा लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं और जलाभिषेक कर रहे हैं।
Argha system in Babadham:रात से पहुंचने लगे श्रद्धालुः
गुरुवार शाम से ही कांवरियों की भीड़ देवघर पहुंचने लगी थी। इसे देखते हुए मंदिर प्रशासन और जिला प्रशासन को अनुमान है कि पहले दिन ही लाखों श्रद्धालु बाबा पर जल अर्पित करेंगे। जलाभिषेक के लिए कांवरियों की कतारें रात से ही निर्धारित रूट पर लगनी शुरू हो गई थीं।
Argha system in Babadham:राजकीय श्रावणी मेले की शुरुआतः
इस बीच, देवघर में गुरुवार से राजकीय श्रावणी मेले की शुरुआत हो चुकी है। शुक्रवार से पूरे श्रावण मास में स्पर्श पूजा पर रोक लगा दी गई है। श्रद्धालुओं को गर्भगृह में प्रवेश नहीं मिलेगा। वे केवल अरघा से जल अर्पित कर बाहर से ही दर्शन कर सकेंगे। प्रशासन ने इस बार सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पार्किंग और जलाभिषेक की व्यवस्था को और भी सुदृढ़ किया है। शहर के विभिन्न हिस्सों में पार्किंग, शटल सेवा, ड्रोन निगरानी, एआई आधारित कैमरे, सीसीटीवी, चैटबोट और हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं सक्रिय कर दी गई हैं।
कांवरियों की सुविधा के लिए जिला प्रशासन ने इस बार एक बड़ा बदलाव किया है। अब बाबा मंदिर के पास से ही बासुकीनाथ के लिए सीधी बस सेवा उपलब्ध कराई गई है, जिससे श्रद्धालुओं को स्टेशन या बस स्टैंड जाने की आवश्यकता नहीं होगी। केवल प्रशासन द्वारा अनुमति प्राप्त बसों को ही मंदिर क्षेत्र में प्रवेश की अनुमति दी गई है। ये बसें विशेष रूप से उन श्रद्धालुओं के लिए चलाई जा रही हैं जो बासुकीनाथ की यात्रा करना चाहते हैं। इसके लिए विशेष रूट तय किए गए हैं और पास भी जारी किए गए हैं।
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