Arattai lacks features:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय कंपनी Zoho Corporation का इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप Arattai इन दिनों काफी चर्चा में है और इसे WhatsApp का विकल्प माना जा रहा है। Arattai यूजर्स को टेक्स्ट, वॉइस और वीडियो मैसेजिंग के साथ-साथ फोटो, वीडियो और डॉक्यूमेंट शेयरिंग की सुविधा देता है। इसके अलावा, यह ऐप स्मार्टफोन, टैबलेट और डेस्कटॉप पर काम करता है और एक अकाउंट को पांच डिवाइस तक लिंक किया जा सकता है।
हालांकि, Arattai में एक बड़ी कमी सामने आई है। ऐप में वॉइस और वीडियो कॉल्स के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2EE) मौजूद है, लेकिन सामान्य टेक्स्ट और ग्रुप चैट्स फिलहाल सुरक्षित नहीं हैं। यूजर्स को सुरक्षित मैसेजिंग के लिए ‘सीक्रेट चैट’ ऑप्शन का उपयोग करना पड़ता है, जो थोड़ा असुविधाजनक है। इस वजह से Arattai इस मामले में WhatsApp, Telegram और Signal जैसे ऐप्स से पीछे रह गया है, जिनमें डिफ़ॉल्ट रूप से सभी चैट और कॉल्स सुरक्षित रहते हैं।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का क्या है मतलब ?
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का मतलब है कि दो यूजर्स के बीच भेजे गए मैसेज सिर्फ उनके डिवाइस पर डिक्रिप्ट होते हैं और सर्वर पर इसे हैक या एक्सेस नहीं किया जा सकता। Arattai में फिलहाल टेक्स्ट चैट्स सर्वर पर डिक्रिप्ट होकर फिर एन्क्रिप्ट की जाती हैं, जिससे डेटा लीक होने या गलत इस्तेमाल का खतरा बढ़ जाता है।
Zoho ने आधिकारिक बयान में कहा
इस मुद्दे पर Zoho ने आधिकारिक बयान में कहा कि प्राइवेसी उनकी प्राथमिकता है और टीम सभी चैट्स के लिए जल्द ही एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन लागू करने पर काम कर रही है।Arattai 2021 में लॉन्च हुआ था और पूरी तरह फ्री है। ऐप का उद्देश्य यूजर्स को एक सरल और प्राइवेसी-केंद्रित कम्युनिकेशन प्लेटफॉर्म प्रदान करना है। फिलहाल, टेक्स्ट मैसेज सुरक्षा की कमी इसे WhatsApp के मुकाबले थोड़ा कमजोर बनाती है।
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