Anil Ambani:
मुंबई, एजेंसियां। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मुंबई और दिल्ली में उद्योगपति अनिल अंबानी की कंपनियों से जुड़े 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। यह कार्रवाई भारतीय स्टेट बैंक (SBI) द्वारा अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) को ‘फ्रॉड’ घोषित करने के बाद हुई है।
यस बैंक से 2017 से 2019
जांच में ED यस बैंक से 2017 से 2019 के बीच लिए गए लगभग 3000 करोड़ रुपये के कथित अवैध ऋण डायवर्जन के आरोपों की पड़ताल कर रही है। एजेंसी को जानकारी मिली है कि ऋण मिलने से पहले यस बैंक के प्रमोटरों को अपने कारोबार में धन मिला था, जिसके पीछे रिश्वतखोरी और घोटाले की आशंका जताई जा रही है।
धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत
ED की जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत हो रही है, जिसमें यस बैंक, राष्ट्रीय आवास बैंक, SEBI, बैंक ऑफ बड़ौदा, CBI सहित कई वित्तीय संस्थाओं और नियामक निकायों से मिले इनपुट शामिल हैं। अनिल अंबानी समूह की कंपनियों और इनके अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूत जब्त किए गए हैं। ED ने बताया कि जांच में सार्वजनिक धन की धोखाधड़ी और बैंकों, निवेशकों तथा अन्य संस्थाओं को गुमराह करने की योजना के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
SBI ने 13 जून 2025
SBI ने 13 जून 2025 को अनिल अंबानी की कंपनी को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत किया था, जिसके बाद यह कार्रवाई तेज हुई है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में इस मामले की जानकारी दी है। यह मामला अनिल अंबानी के कॉर्पोरेट साम्राज्य को बड़ा झटका माना जा रहा है, जिसमें रिलायंस कम्युनिकेशंस, यस बैंक, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और अन्य कंपनियां शामिल हैं। जांच अभी जारी है और ED की टीमें कई और ठिकानों पर छानबीन कर रही हैं।
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