Wednesday, June 25, 2025

नाराज गजराज और दहशत में ग्रामीण

12 दिनों में ले ली 16 की जान

रांची। झारखंड के ग्रामीण इलाकों में इन दिनों जंगली हाथियों ने आतंक मचा रखा ह।. बीते 12 दिनों में राज्य के पांच जिलों में हाथी के हमले में 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।  पिछले दो दिनों से ये हाथी राजधानी रांची से सटे ग्रामीण इलाको में तहलका मचा रहे हैं।

पहले तो सोमवार को झूंड से बिछड़े एक हाथी ने लोहरदगा के भंडरा में तीन लोगों की जान ले ली। इसके बाद मंगलवार को रांची के इटकी में हाथियों ने चार लोगों को मार डाला।

लगातार हाथियों के हमले को देखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियातन तौर पर इटकी ब्लॉक इलाके में धारा 144 लागू कर दी है। यह अगले आदेश तक प्रभावी रहेगी। हाथियों के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। लोग घरों से नहीं निकल रहे।

भटके हाथी मचा रहे कोहराम

ग्रामीणों के अनुसार जंगल से दो हाथी भटक कर गांव की आ आ गये हैं। दोनों बिछड़े हाथियों में एक इटकी थाना क्षेत्र के गढ़गांव में ही रह गया।

इससे गुस्साए बिछड़े हाथी ने गांव में जमकर उत्पात मचाया। उसने एक-एक कर चार ग्रामीणों को पटक-पटक कर मार डाला।

क्यों हाथी मचा रहे उत्पात

झारखंड में हजारीबाग, सिमडेगा, गिरिडीह, खूंटी सहित 15 से अधिक जिले हैं, जहां जंगली हाथियों का आतंक है।

कई बार किसानों के फसल बर्बाद करने की, घर तोड़ने की खबर सामने आती है। लहीं,  दूसरी तरफ हाथी भी खतरे में हैं। हाथियों का शिकार भी हो रहा है।

झारखंड के कई जगहों पर खेतों की सुरक्षा के लिए लगे इलेक्ट्रिक तार भी हाथियों के मौत की एक बड़ी वजह में शामिल हैं। हाथी झारखंड के राजकीय पशु हैं, इसके बावजूद भी हाथियों के मारे जाने की खबरें आती हैं।

इन्ही सब खतरों के कारण अक्सर हाथी भटक कर गांव और शहरों की तरफ आ जाते हैं। हाथी रास्ता भटकते हैं, तो गांव तबाह कर देते हैं।

 घरों में रखे फल खाने के लिए दिवार तोड़ देते हैं, फसल बर्बाद करते हैं। इस दौरान कोई इंसान इनकी चपेट में आया, तो उसकी जान भी ले लेते हैं।

झारखंड के 15 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित

एक तरफ हाथियों का शिकार बड़ी चिंता है, तो दूसरी तरफ 15 जिलों में हाथियों के आतंक से दहशत है।

हजारीबाग जिला सबसे ज्यादा प्रभावित है जहां, हाथियों के गांव में घर तोड़ने या फसल बर्बाद करने की खबरें सबसे ज्यादा आती है।

वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने साल 2017 में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और दक्षिण पश्चिम बंगाल का 21 हजार वर्ग किलोमीटर इलाका हाथियों का आवास है।

मानव-हाथी संघर्ष के चलते देशभर में जितने लोगों की जान जाती है उनमें से 45 फीसदी इसी इलाके से हैं।

2000 से ज्यादा लोगों की मौत

झारखंड गठन के बाद से अवह तक 2000 से लोगों की जान हाथी ले चुके हैं। यह आंकड़ा चौंकानेवाला है। मृतकों को दिये जानेवाले मुआवजे के रूप में राज्य सरकार अब 18 करोड़ रुपये से ज्यादा बांट चुकी है।

हाथियों के हमले से हुए नुकसान में सरकारी मुआवजे का प्रावधान

  • मृतक को चार लाख
  • गंभीर रुप से घायल को एक लाख
  • फसल की क्षति पर 20 से 40 हजार
  • सामान्य घायल को 15 हजार
  • स्थायी रूप से अपंग होने पर दो लाख
  • पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकान के लिए 1.30 लाख
  • ज्यादा क्षतिग्रस्ता मकान के लिए 40 हजार
  • आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कच्चा मकान के लिए 20 हजार
  • भंडारित अन्ज प्रति क्विंटल 1600 रुपये
  • गाय, भैस, बैल और बकरी की मृत्यु पर 15 से 30 हजार रुपये
  • बछड़ा-बाछी की मृत्यु पर 5 हजार रुपये

2010 से अब तक के मौत के आंकड़े

वर्ष                    मौत

2009-10           54

2010-11           69

2011-12           62

2012-13           60

2013-14           56

2014-15           53

2015-16           66

2016-17           59

2017-18           84

2018-19           87

2019-20           84

2020-21           97

2921-22           88

2022-23           80

Hot this week

Panchayat Season 4: जानिए कैसा है Panchayat Season 4 का पहला ऐपिसोड ? क्या कह रही viewers ? [Panchayat Season 4: Know how is...

मुंबई, एजेंसियां। 'पंचायत' का चौथा सीजन आखिरकार रिलीज हो...
spot_img

Related Articles

Popular Categories

spot_imgspot_img