Land survey:
पटना, एजेंसियां। बिहार सरकार ने लैंड सर्वे से नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने की कोशिश की है। इसके लिए राज्य सरकार एक बिल लेकर आई है। बता दें कि राज्य में पिछले साल जोरशोर से लैंड सर्वे शुरू किया गया था। पर मार्च 2025 के बाद इसकी रफ्तार धीमा पड़ गई। बताया जा रहा है कि सर्वेक्षण के दौरान हो रही परेशानियों से लोगों में नाराज़गी बढ़ी, जिसे देखते हुए नीतीश सरकार ने विधानसभा चुनाव तक इस कार्य को धीमा कर दिया है।
विधानसभा में पेश हुआ बिलः
विधानसभा के अंतिम सत्र में सरकार ने विशेष सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया है। इस विधेयक के जरिए पुराने नियमों में बदलाव कर सर्वे को और अधिक पारदर्शी और आसान बनाने का प्रयास किया जाएगा।
विधेयक से क्या होगा बदलाव:
नगर क्षेत्रों में भूमि सर्वेक्षण को पारदर्शी बनाने के लिए नए प्रावधान जोड़े जाएंगे।
राजस्व ग्रामों में अलग-अलग खाना-पूरी दलों का गठन किया जाएगा।
दावा-आपत्ति दर्ज कराने और अपील की प्रक्रिया अब तीन महीने के भीतर पूरी की जा सकेगी।
नगर क्षेत्रों में सर्वे के लिए राजस्व और नगरपालिका कर्मियों की संयुक्त टीम बनाई जाएगी।
सरकार का कहना है कि इस विधेयक के लागू होने से सर्वेक्षण कार्य में सुधार आएगा और जनता की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित होगी। चुनाव बाद इस प्रक्रिया को तेज़ी से आगे बढ़ाने की योजना है।
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