नयी दिल्ली: मॉरीशस के साथ भारत की कर संधि में बदलाव को लेकर चिंताओं के कारण विदेशी निवेशकों ने अप्रैल में अब तक 5,200 करोड़ रुपये से अधिक की घरेलू इक्विटी बेच दी है।
मॉरीशस अब उसके माध्यम से यहां किए गए निवेश की अधिक पड़ताल करेगा।
आंकड़ों से पता चलता है कि इससे पहले मार्च में 35,098 करोड़ रुपये और फरवरी में 1,539 करोड़ रुपये का चौंका देने वाला शुद्ध निवेश आया था।
इसे भी पढ़ें
उद्योग जगत को यूपीआई बाजार हिस्सेदारी 30 प्रतिशत तक सीमित किए जाने का इंतजार