America’s big initiative:
वॉशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका ने तुर्किए को फिर से F-35 फाइटर जेट प्रोग्राम में शामिल करने का संकेत दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बात को साफ किया कि इसके लिए तुर्किए को एक शर्त माननी होगी – यूक्रेन युद्ध को खत्म कराने में सहयोग करना।
तुर्किए के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने हाल ही में व्हाइट हाउस का दौरा किया, जो उनकी 2019 के बाद पहली अमेरिकी यात्रा थी। इस बैठक में ट्रंप ने कहा कि अगर वार्ता सफल रही, तो तुर्किए पर S-400 एयर डिफेंस सिस्टम को लेकर लगाए गए प्रतिबंध हट सकते हैं। साथ ही, तुर्किए को रूस से तेल और गैस की खरीद बंद करनी होगी। ट्रंप ने एर्दोगन से कहा कि वे अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर व्लादिमीर पुतिन पर दबाव डालें और यूक्रेन युद्ध रोकें।
कब का है ये विवाद ?
यह विवाद 2019 से चला आ रहा है, जब तुर्किए ने रूस से S-400 सिस्टम खरीदा था। इसके चलते अमेरिका ने तुर्किए को F-35 प्रोग्राम से बाहर कर दिया था, क्योंकि तकनीक रूस तक लीक होने का खतरा था। हालांकि, एर्दोगन ने स्पष्ट किया कि वे F-35 जेट्स भी चाहते हैं और S-400 सिस्टम भी रखना चाहते हैं।
यूक्रेन युद्ध के दौरान तुर्किए ने रूस से कच्चा तेल और गैस खरीदना जारी रखा, जबकि नाटो देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए। 2023 में तुर्किए-रूस व्यापार 52 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यही वजह है कि अमेरिका चाहता है कि तुर्किए रूस से दूरी बनाए।
अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक
इस दौरान अमेरिकी राजदूत टॉम बैरक ने संकेत दिया कि साल के अंत तक तुर्किए पर लगे S-400 प्रतिबंध हट सकते हैं। अगर तुर्किए ट्रंप की शर्तें मान लेता है, तो उसे F-35 जेट्स मिल सकते हैं और वह S-400 सिस्टम भी रख सकता है।
हालांकि, इस योजना पर इजरायल नाराज है। लंबे समय से इजरायल अमेरिका पर दबाव डालता रहा है कि तुर्किए को F-35 न दिए जाएं, लेकिन इस बार ट्रंप शायद इजरायल को भी चौंकाने की तैयारी में हैं।
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