Ambedkar Jayanti:
नई दिल्ली,एजेंसियां। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने 14 अप्रैल 2025 को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी 135वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उन्होंने डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करते हुए कहा कि भारत का संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है और इसने देश को मजबूत, स्थिर और एकजुट बनाने में अहम भूमिका निभाई है।
Ambedkar Jayanti :डॉ. अंबेडकर स्मृति व्याख्यान
जस्टिस गवई ने डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित प्रथम ‘डॉ. अंबेडकर स्मृति व्याख्यान’ के दौरान अपना संबोधन दिया। उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर को देश के महानतम सपूत और दूरदर्शी नेता बताया, जिन्होंने एक अर्थशास्त्री, समाज सुधारक और शिक्षाविद् के रूप में भारतीय समाज के विभिन्न पहलुओं में योगदान दिया।
इस दौरान जस्टिस गवई ने संविधान निर्माण में अंबेडकर की भूमिका पर विस्तार से बात की। उन्होंने कहा, “भारत के नागरिक हमेशा डॉ. अंबेडकर के योगदान को याद करेंगे, विशेष रूप से उनके प्रयासों से तैयार किया गया संविधान जिसने देश को एकजुट किया और उसे सशक्त किया।”
Ambedkar Jayanti :गवई ने कहा
गवई ने कहा, “बाबासाहेब ने संविधान सभा में शोषितों, अनुसूचित जातियों और दलितों के अधिकारों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। आज जब हम उनकी जयंती मना रहे हैं, तो हमें उनके अमूल्य योगदान को याद करना चाहिए। उनका दिया गया संविधान पिछले 75 वर्षों से हर परीक्षा में खरा उतरा है और यह भारत को मजबूत और स्थिर बनाने में सफल रहा है।
Ambedkar Jayanti:
इस अवसर पर जस्टिस गवई ने ‘भीमस्मृति’ पर भी बात की, जो डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए विचारों और उनके योगदान का सम्मान है। उनका कहना था कि सामाजिक लोकतंत्र के बिना राजनीति अधूरी है, और बाबासाहेब ने समाज में समानता और न्याय की स्थापना के लिए जो प्रयास किए, उनका असर आज भी साफ देखा जा सकता है।
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