Amar Bauri claims:
रांची। झारखंड के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी का दावा है कि भविष्य में मदर टेरेसा क्लिनिक धर्मांतरण का अड्डा बन जायेगा। उन्होंने मीडिया से कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी एक विराट व्यक्तित्व वाले प्रधानमंत्री थे। देश की आजादी के बाद पूरा देश कांग्रेस के विचारों के साथ चल रहा था। ऐसे समय मे अटल ने कांग्रेस के विरोध के साथ खुद को स्थापित किया। अटल की हमेशा राष्ट्र प्रथम की सोच रही है। जब विश्व पटल पर भारत के विचार को रखने की बात थी तो अटल को ही कांग्रेस ने भेजा था। अटल ने सिर्फ अपने विचारों से गैर कांग्रेस वाली सरकार का भी नेतृत्व किया था।
झामुमो झारखंड आंदोलन को बेचाः
बाउरी ने कहा कि झारखंड अलग करने की लड़ाई आज़ादी से पहले से ही चल रही थी। जेएमएम ने झारखंड को अलग राज्य न ले कर कैश ले कर आंदोलन को रोक दिया था। लेकिन, अटल ने ही झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिया था। अटल जैसे ही प्रधानमंत्री बने 3 अप्रैल को झारखंड अलग कर दिया था और 15 नवंबर 2000 को बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर झारखंड को आधिकारिक रूप से अलग किया। अटल ने ही अपने केंद्रीय मंत्रिमंडल में जनजातीय विभाग का गठन किया। ऐसे अटल को श्रद्धांजलि देने के लिए स्वास्थ्य सुविधा में बेहतर सुविधा के लिए अटल क्लीनिक की शुरुआत रघुवर दास ने की थी। वर्तमान सरकार ने अटल क्लिनिक का नाम बदल कर मदर टेरेसा के नाम पर कर दिया है। मदर टेरेसा पूजनीय हैं, लेकिन उनका कार्यक्षेत्र पश्चिम बंगाल रहा है। मदर टेरेसा ट्रस्ट में एक बच्चे को बेचने का आरोप लगा।
सेवा की आड़ में गरीब जनता का मतांतरण होगाः
बाउरी ने कहा कि मदर टेरेसा क्लिनिक का उपयोग आने वाले समय मे धर्मान्तरण के लिए किया जाएगा। सेवा की आड़ में गरीब जनता की आत्मा परंपरा संस्कृति को छीनने का काम करेगी। यह एक बड़ा षडयंत्र है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बयान जारी कर कहे कि झारखंड के स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर करने के लिए अटल क्लिनिक का नाम मदर टेरेसा क्लीनिक कर रहे हैं। अटल जी अजातशत्रु थे सब के चहेते थे।
डीएसपीएमयू का भी नाम बदलाः
इसी तरह झारखंड सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्व विद्यालय का नाम भी बदल दिया हैं। भाजपा सरकार के ऐसे काम के खिलाफ़ आन्दोलन करेगी। सरकार इस गलती को ठीक करे।
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