रांची। झारखंड का मोस्ट वांटेड गैंगस्टर अमन साव मारा गया है। उसे पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया है। मंगलवार को उसे रायपुर से पुलिस रिमांड में रांची लाया जा रहा था। इस दौरान पलामू में पुलिस की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई थी।
इसका फायदा उठाकर अमन साव ने भागने की कोशिश की। वो सिपाही की राइफल छीन कर भागने की कोशिश में था। पुलिस ने उसे रोका तो उसने फायरिंग कर दी। तभी पुलिस की ओर से हुई जवाबी कार्रवाई में वो ढेर हो गया। इस मुठभेड़ में एक जवान के भी घायल होने की खबर है।
दरअसल झारखंड में बीते शुक्रवार और शनिवार को दो बड़ी घटनाएं हुई थीं।
पहली घटना राजधानी रांची मे शुक्रवार को हुई, जहां कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर गोली चलाई गई। दूसरी घटना हजारीबाग में हुई, जहां एनटीपीसी के डीजीएम की हत्या कर कर दी गई। इन दोनों घटनाओं में पुलिस को समानता दिख रही थी। कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा पर गोली चलाने की जिम्मेदारी कुख्यात अपराधी अमन साव ने ली थी।
इन्हीं दोनों घटनाओं को लेकर झारखंड पुलिस अमन साव से पूछताछ करना चाहती थी। इसलिए छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद अमन साहू को पुलिस कस्टडी में रांची लाया जा रहा था।
14 अक्टूबर से रायपुर में था अमन सावः
40 पुलिसकर्मियों की टीम अमन साव को झारखंड से प्रोडक्शन वारंट पर 14 अक्टूबर को रायपुर लेकर गई थी। कारोबारी प्रह्लाद राय अग्रवाल की कार पर फायरिंग केस में अमन साव मुख्य आरोपी है। 13 जुलाई को अमन के गुर्गों ने फायरिंग की थी। इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था।
पुलिस के लिए बड़ी चुनौती था अमन सावः
दरअसल, अमन साव और उसका गैंग झारखंड पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था। गिरोह के निशाने पर कोयला कारोबारी, ट्रांसपोर्टर, ठेकेदार, रियल एस्टेट कारोबारी और बिल्डर हमेशा रहते थे। वह इनसे लगातार रंगदारी वसूल रहा था। बात नहीं मानने वालों पर खुलेआम गोलियां भी चलवा रहा था। घटना के तुरंत बाद गैंग के गुर्गे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर और वर्चुअल नंबर से मीडिया को जानकारी भी देते थे कि घटना को उनके ही गिरोह ने अंजाम दिया है।
विधानसभा चुनाव लड़ना चाहता था अमन सावः
झारखंड में हुए इस साल का विधानसभा चुनाव भी अमन साव लड़ना चाह रहा था। उसने बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए पर्चा भी खरीदा था। उसने चुनाव लड़ने की अनुमति के लिए झारखंड हाईकोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी।
पर झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक लगाने की मांग वाली की याचिका खारिज कर दी थी। पीठ ने कहा था अमन साहू के खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पीठ ने अमन साहू के अधिवक्ता के उस दलील को नहीं माना था, जिसमें ममता देवी के मामले में दिए गए आदेश को आधार बनाया गया था।
लॉरेंस के साथ मिलकर काम कर रहा थाः
लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम करने वाला झारखंड का कुख्यात अमन साव राज्य के पुलिस और कारोबारियों दोनों के लिए मुसीबत बना हुआ है। पुलिस जिस रफ्तार से घटनाओं का खुलासा कर रही है उतनी ही रफ्तार से अमन का गैंग घटनाओं को अंजाम भी दे रहा है। चाहे हत्या हो या फिर पैसे के लिए धमकी देना, सूत्र बताते हैं कि ये सारे काम जेल में बंद अमन साव के निर्देश पर उसके गुर्गे कर रहे हैं। अमन साव का बीते 4 साल में 10 अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर किया जा चुका है। फिलहाल वह छत्तीसगढ़ के रायपुर जेल में बंद है। इसके बाद बाद भी उसका गैंग सक्रिय है। राज्य के 8 जिलों में गिरोह एक्टिव है।
इसे भी पढ़ें