कंपनी के एजेंटों के खिलाफ एफआइआर
रांची। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के हस्तक्षेप के बाद झारखंड के 47 प्रवासी श्रमिकों के वेतन भुगतान किया जा रहा है। ये श्रमिक कैमरून (मध्य अफ्रीका) में कार्यरत थे और तीन महीने से उनका वेतन लंबित था।
मुख्यमंत्री ने इस मामले में संबंधित नियोजकों और मिडिलमैन के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था, जिसके बाद श्रमायुक्त ने हजारीबाग, बोकारो और गिरिडीह में आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है।
3 महीने से लंबित था वेतनः
मुख्यमंत्री को हाल ही में जानकारी मिली थी कि कैमरून में कार्यरत झारखंडी श्रमिकों के तीन माह का वेतन लंबित है और वे भारत वापसी की मांग कर रहे हैं।
इन श्रमिकों को M/s Transrail Lighting Limited, कैमरून में काम पर रखा गया था, लेकिन बिना उचित निबंधन और लाइसेंस के उन्हें वहां भेजा गया था, जो कि नियमों के खिलाफ था।
राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने कंपनी से किया संपर्कः
मुख्यमंत्री के आदेश के बाद राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने श्रमिकों और संबंधित कंपनी से संपर्क किया। कंपनी ने बताया कि श्रमिकों को $100 प्रति माह का भुगतान किया गया है और बाकी की बकाया राशि उनके भारतीय खातों में ट्रांसफर की जाएगी। श्रमिकों ने इस भुगतान की पुष्टि की है।
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