Power plant in Bihar:
भागलपुर, एजेंसियां। बिहार में अदाणी पावर 2400 मेगावाट का बिजली प्लांट लगायेगा। इस पर करीब 25000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे बिहार की बिजली व्यवस्था तो सुधरेगी ही, यहां औद्योगिक विकास भी होगा।
पीरपैती में होगी ताप विद्युत संयत्र की स्थापनाः
देश के प्रमुख औद्योगिक समूह अदाणी पावर लिमिटेड ने भागलपुर जिले के पीरपैंती में 2400 मेगावाट क्षमता के ताप विद्युत संयंत्र की स्थापना के लिए सबसे कम बोली लगाकर यह परियोजना हासिल की है। 25,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ यह बिहार में निजी क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा निवेश है।
30 वर्षों तक देगा सस्ती बिजलीः
बिहार सरकार और अदाणी समूह के बीच हुए समझौते के तहत, राज्य सरकार अगले 30 वर्षों तक मात्र ₹6.08 प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदेगी। इस दर में ₹4.16 प्रति यूनिट फिक्स्ड चार्ज और ₹1.92 प्रति यूनिट फ्यूल एवं ट्रांसपोर्टेशन चार्ज शामिल हैं।
800 मेगावाट की 3 सुपर क्रिटिकल यूनिट् लगेगीः
परियोजना में 800 मेगावाट की तीन सुपर क्रिटिकल यूनिट्स लगाई जाएंगी, जो कम कोयले के उपयोग से अधिक बिजली उत्पादन सुनिश्चित करेंगी, जिससे ऊर्जा दक्षता में वृद्धि होगी।
ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ा कदमः
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (CEA) के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2035 तक बिहार में बिजली की मांग 17,000 मेगावाट तक पहुंच सकती है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पीरपैंती परियोजना बिहार की सबसे बड़ी बिजली इकाई होगी।
झारखंड के राजमहल से कोयला आपूर्ति का करारः
परियोजना के लिए 1,000 एकड़ से अधिक जमीन पहले ही अधिग्रहित की जा चुकी है और आवश्यकता पड़ने पर और जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा। कोयले की आपूर्ति के लिए झारखंड के राजमहल कोल ब्लॉक से 12 मिलियन टन कोयला 30 वर्षों तक आवंटित किया गया है।
1,500 लोगों को मिलेगा रोजगारः
इस परियोजना से करीब 1,500 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। निविदा प्रक्रिया में JSW Energy, MB Power, Torrent Power और Adani Power ने भाग लिया था, लेकिन अदाणी समूह की प्रतिस्पर्धी बोली ने बाजी मार ली।
सौर ऊर्जा से ताप विद्युत की ओर बदलावः
पहले पीरपैंती में सौर ऊर्जा परियोजना की योजना थी, लेकिन भौगोलिक और व्यावहारिक कारणों से इसे रद्द कर ताप विद्युत संयंत्र को प्राथमिकता दी गई। सरकार ने अदाणी समूह को ₹1 प्रति वर्ष की दर से 33 वर्षों के लिए जमीन हस्तांतरित की है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस परियोजना को अंतिम मंजूरी दी गई, जिससे निर्माण कार्य का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अगले पांच वर्षों में यहां बिजली उत्पादन शुरू होने की संभावना है।
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