जानिये क्या है पूरा मामलाः
रांची। रांची के डीसी मंजूनाथ भजंत्री पर कार्रवाई होगी। भजंत्री को रांची डीसी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारी के पद पर पदस्थापित करने के आदेश को चुनाव आयोग ने हाईकोर्ट के फैसले का उल्लंघन बताया है।
इस मामले में आयोग ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा और 6 दिसंबर, 2021 के आदेश का अनुपालन करने की बात कही है। साथ ही चुनाव आयोग ने 15 दिनों के अंदर कार्रवाई की रिपोर्ट आयोग को भेजने का आदेश भी दिया है।
चुनाव आयोग की आपत्तिः
बता दें कि 6 दिसंबर, 2021 को चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया था, जिसमें देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने, विभागीय कार्यवाही करने और आयोग की अनुमति के बिना चुनाव कार्य से जुड़े पद पर पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया गया था।
क्या लिखा है पत्र मेः
चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को लिखे पत्र में कहा है कि मधुपुर उप चुनाव में तत्कालीन उपायुक्त द्वारा आयोग के वोटर टर्न आउट एप और प्रेस कांफ्रेंस में अलग-अलग आंकड़े पेश किए जाने के कारण भजंत्री को 26 अप्रैल 2021 को उपायुक्त के पद से हटाया गया था।
लेकिन चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद सरकार ने उन्हें फिर से देवघर उपायुक्त के पद पर पदस्थापित कर दिया।
भजंत्री ने निशिकांत दुबे के खिलाफ दर्ज कराई है प्राथमिकीः
इस मामले के लगभग 6 महीने बाद मुख्य निर्वाची अधिकारी (सीइओ) ने आयोग को रिपोर्ट भेज कर जानकारी दी कि उपायुक्त ने चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद आचार संहिता उल्लंघन के आरोप में सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
आयोग ने मांगा था डीसी मंजूनाथ से स्पष्टीकरणः
उक्त मामले पर चुनाव आयोग की ओर से उपायुक्त से स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं होने के कारण आयोग ने 6 दिसंबर, 2021 को उपायुक्त को हटाने और भविष्य में आयोग की अनुमति के बिना चुनाव से जुड़े काम में पदस्थापित नहीं करने का आदेश दिया था। फिर भी सरकार ने मंजूनाथ को पद से नहीं हटाया।
हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को सही ठहरायाः
इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2024 को दिए अपने फैसले में चुनाव आयोग के आदेश को सही करार दिया था।
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