केके पाठक की अनुपस्थिति में भी कार्रवाई जारी
पटना, एजेंसियां। केके पाठक के छुट्टी पर जाने के बाद माना जा रहा था कि शिक्षा विभाग शिक्षकों को राहत देगा, लेकिन बिहार में शिक्षकों के खिलाफ एक्शन और तेज कर दिया गया है।
केके पाठक की उपस्थिति में भी लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ एक्शन हो रहा था, लेकिन उनके अवकाश पर जाने के बाद भी उसकी गति में कोई कमी आती नहीं दिख रही है।
जून के बाद जहां सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई शुरु होने के बाद निरीक्षण का तरीका बदलने जा रहा है।
वहीं, इससे पहले मई में जिले के सरकारी विद्यालयों का निरीक्षण और शिक्षकों पर कार्रवाई का रिकार्ड टूट गया है।
73 जांचकर्मी का भी एक दिन का वेतन कटा
मई महीने में विद्यालय से बिना सूचना अनुपस्थित मिले रिकार्ड 172 शिक्षकों का एक दिन का वेतन काट लिया गया है।
इसके अलावा विद्यालय जांच में लापरवाही बरतने पर 140 शिक्षा सेवकों के भी एक दिन के वेतन की कटौती की गई है, जबकि निरीक्षण में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने पर 73 जांचकर्मी का भी एक दिन का वेतन काट लिया गया है।
राहत की बड़ी बात यह कि जून में नए एसीएस के आने के बाद वेतन कटौती की कार्रवाई बंद कर दी गई है। अनुपस्थित शिक्षक और कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
2200 सरकारी स्कूलों के शिक्षकों पर हुई कार्रवाई
यह कार्रवाई 2200 शिक्षकों के के खिलाफ की गई है। इस डर से अधिकतर विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति का समय ठीक हो गया है।
ग्रीष्मावकाश होने के बावजूद शिक्षक बिना देरी के विद्यालय पहुंचते रहे। इतना ही नहीं जांच कर्ता भी बिना समय गंवाये स्कूलों का निरीक्षण करने दूर दराज गांव तक पहुंचते रहे।
इस जांच में सभी शिक्षा सेवक यानी टोला सेवकों को लगाने के साथ ही बीआरसी और जिला कार्यालय के भी अधिकतर कर्मियों को लगाया गया था।
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