IAS Vinay Chaubey:
रांची। शराब घोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, संगीन खुलासे हो रहे हैं। अब ACB ने दावा किया है कि IAS विनय चौबे ने विनय सिंह को 41 करोड़ का टेंडर दिलाने में मदद की थी। शराब घोटाला के गंभीर आरोपों में जेल में बंद वरीय IAS अधिकारी विनय चौबे के खिलाफ ACB ने DA केस मतलब आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया है।
ACB की आय से अधिक संपत्ति से जुड़े मामले की अब तक की जांच में यह जानकारी सामने आयी है कि विनय चौबे के करीबी और शराब घोटाला मामले में अभियुक्त विनय सिंह को स्किल डेवलपमेंट का 41 करोड़ का टेंडर दिया गया था।
IAS Vinay Chaubey:5 साल का टेंडर एक बार में ही दे दिया गयाः
हैरानी की बात यह है कि विनय सिंह को पांच वर्षों का टेंडर एक बार में ही दे दिया गया और 4 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान भी कर दिया गया। यह टेंडर विनय सिंह को वर्ष 2017 में मिला था। विनय सिंह को जब स्किल डेवलेपमेंट का टेंडर मिला, उस वक़्त रवि रंजन मिशन डायरेक्टर थे और सचिव अजय कुमार थे। रवि रंजन से ACB इस टेंडर को लेकर सवाल कर चुकी है।
IAS Vinay Chaubey:किसकी पैरवी से मिला टेंडर, हो रही जांचः
पूछताछ के दौरान ACB इस बात की जानकारी निकालने की कोशिश कर रही है कि विनय सिंह को 41 करोड़ का टेंडर किसकी पैरवी पर दिया गया था और टेंडर दिलवाने में किसकी भूमिकी थी। ACB इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि क्या विनय चौबे के कहने पर विनय सिंह को स्किल डेवलेपमेंट का 41 करोड़ का पांच वर्षों का टेंडर दिया गया था।
बता दें कि रांची के चर्चित ऑटोमोबाइल कारोबारी और नेक्सजेन के मालिक विनय सिंह शराब घोटाला मामले में भी विनय चौबे के साथ अभियुक्त बनाये गये हैं।
ACB ने IAS विनय चौबे के विरुद्ध हजारीबाग से जुड़े वन भूमि घोटाला और खासमहल भूमि घोटाला में जो PE (पर्मीनिलरी इंक्वायरी) दर्ज की है. उसमें यह बात सामने आयी है कि विनय चौबे ने हजारीबाग DC रहते हुए विनय सिंह के पारिवारिक सदस्यों को लाभ पहुंचाया है ।
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