Sharad Purnima 2025:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 6 अक्टूबर 2025 को शरद पूर्णिमा मनाई जा रही है, जिसे साल की सबसे उत्तम पूर्णिमा माना जाता है। यह दिन धार्मिक, सांस्कृतिक और स्वास्थ्य संबंधी कई परंपराओं का संगम है। इस दिन श्रीकृष्ण की महा रास लीला, लक्ष्मी पूजा और चंद्रमा की औषधीय किरणों में खीर रखने की प्रथा विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
श्रीकृष्ण की रास लीला का अवसर
उत्तर भारत में इसे श्रीकृष्ण की रास लीला का अवसर माना जाता है, जबकि बंगाल और दक्षिण भारत में लक्ष्मी पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस रात चंद्रमा अपनी सम्पूर्ण 16 कलाओं के साथ आकाश में चमकता है और इसके प्रकाश से खीर का सेवन स्वास्थ्य और आयु के लिए लाभकारी होता है।
शरद पूर्णिमा की रात को भगवान कृष्ण ने महा रास किया था, जिससे कामना और ऊर्जा का संचार होता है। आयुर्वेद में इसे पित्त नाशक और स्वास्थ्यवर्धक माना गया है। लोग दूध, खीर, पोहा और लड्डू जैसे व्यंजन चांदनी में रखकर सेवन करते हैं। इसके अलावा इस रात को नेत्रों को शीतलता देने, पाचन सुधारने और हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। शरद पूर्णिमा का पर्व न केवल आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि प्रकृति, स्वास्थ्य और आयुर्वेदिक परंपराओं का भी अद्भुत संगम है।
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