Rabri Devi:
नई दिल्ली, एजेंसियां। “जमीन के बदले नौकरी” घोटाले में मंगलवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। यह मामला पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और कई अन्य आरोपियों से जुड़ा है। स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोग आरोप तय करने पर सुनवाई कर रहे हैं।इस केस में कुल 103 आरोपी हैं, जिनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है। सुनवाई के दौरान राबड़ी देवी की ओर से पेश वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जमीन और नौकरी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है।
वकील की दलीलें
राबड़ी देवी के वकील ने कहा कि यदि जमीन के बदले में पैसे दिए गए और रजिस्ट्री के तहत वैध सौदा हुआ, तो इसे रिश्वत या नौकरी के बदले जमीन कैसे माना जा सकता है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर किसी ने जमीन खरीदी और भुगतान किया, तो लाभार्थी कैसे ठहराया जा सकता है?वकील ने तर्क दिया, “लाभ तब होता जब जमीन मुफ्त में या किसी एहसान के तौर पर दी जाती।”
गवाहों के बयान का हवाला
सीबीआई के ही एक गवाह का जिक्र करते हुए वकील ने कहा कि उसने बयान दिया था कि लालू यादव बड़ी ज़मीन खरीदना चाहते थे, इसीलिए लोगों को जमीन बेचने के लिए कहा गया। वकील ने कहा कि जमीन खरीदना अपराध नहीं है और अगर लेन-देन वैध है, तो रिश्वत या धोखाधड़ी का सवाल ही नहीं उठता।
सीबीआई का आरोप
सीबीआई का दावा है कि 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू यादव ने ग्रुप डी की भर्तियों में गड़बड़ियां कीं। इसके बदले में उम्मीदवारों या उनके परिजनों से जमीन अपने परिवार या करीबियों के नाम पर लिखवाई गई।
अगली सुनवाई
कोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई जारी रहेगी, जहां राबड़ी देवी की ओर से दलीलें पेश की जाएंगी। मामले की कानूनी प्रक्रिया अभी लंबी चलने की संभावना है।
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