Manoj Jha:
नई दिल्ली, एजेंसियां। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए गंभीर आपराधिक आरोपों में फंसे मंत्रियों को हटाने के विधेयक पर सियासी बहस तेज हो गई है। आरजेडी सांसद मनोज झा ने विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए बीजेपी की मंशा पर सवाल उठाए, जबकि जेडीयू सांसद संजय झा ने इसे स्वागतयोग्य कदम करार दिया।केंद्र सरकार संसद में गंभीर आपराधिक मामलों में फंसे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को पद से हटाने वाला विधेयक पेश कर रही है। इस विधेयक के तहत 30 दिनों तक किसी मंत्री की गिरफ्तारी या हिरासत होने पर उन्हें पद से हटाया जा सकेगा।
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा
आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि इस विधेयक से अभियुक्त और दोषी के बीच का अंतर खत्म हो जाएगा और यह राजनीतिक दुश्मनी का जरिया बन सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी इसे अपने राजनीतिक विरोधियों को कमजोर करने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा
वहीं जेडीयू सांसद संजय झा ने कहा कि यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती दिखाता है और प्रधानमंत्री खुद भी इस नियम के दायरे में हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व में जब विपक्षी मुख्यमंत्रियों को कोर्ट ने जेल भेजा था, तब वे जेल से ही अपना शासन चला रहे थे।
विपक्ष के कई अन्य सांसदों ने भी विधेयक को असंवैधानिक बताया है और इसके विरोध का ऐलान किया है। उनका कहना है कि सरकार यह भूल रही है कि सत्ता में हमेशा नहीं रहेगी और ये कानून लोकतंत्र के लिए खतरा बन सकता है।
इसे भी पढ़ें
MLA Jairam Mahto : विधायक जयराम महतो को चाहिए Z कैटेगरी सिक्योरिटी