Tariff policy:
वाशिंगटन डीसी,एजेंसियां। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि अमेरिका अब अपने भारी विदेशी कर्ज को चुकाने की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने इस दावे के पीछे उन टैरिफ नीतियों को कारण बताया जिन्हें लेकर वैश्विक स्तर पर भारी विवाद छिड़ा हुआ है। ट्रंप ने दो अप्रैल को घोषणा की थी कि अमेरिका उन सभी देशों से आयात पर 50 प्रतिशत रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा जिनके साथ उसका व्यापार घाटा है, और साथ ही सभी देशों पर 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ भी लागू किया गया है।
ट्रंप ने कहा
मीडिया से बातचीत में ट्रंप ने कहा, “हमारे पास अब बहुत सारा पैसा आ रहा है—इतना, जितना पहले कभी नहीं आया। हम उस पैसे का इस्तेमाल अमेरिका का कर्ज चुकाने में करेंगे। ये काम हमें सालों पहले कर लेना चाहिए था।” उन्होंने बताया कि वह पहले कार्यकाल में चीन के साथ यह प्रक्रिया शुरू कर चुके थे, लेकिन कोविड महामारी के कारण पूरा नहीं कर सके।
अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही ट्रंप ने वैश्विक आर्थिक नीतियों में बड़ा बदलाव कर दिया है। उन्होंने उन देशों पर सख्त टैरिफ लगाए हैं जो अमेरिका से व्यापार में एकतरफा लाभ उठा रहे थे। हालांकि, कई देशों ने बातचीत कर राहत भी हासिल की है।
टैरिफ से कौन-कौन प्रभावित?
69 देशों पर 10% से 50% तक के टैरिफ लगाए गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
ब्राजील: 50%
भारत: 25%
कनाडा: 35%
स्विट्जरलैंड: 39%
पाकिस्तान: पहले 29%, बाद में 19%
सीरिया: 41%
ताइवान: 20%
ट्रंप का कहना
ट्रंप का कहना है कि वह दबाव नहीं, निष्पक्षता चाहते हैं। “हमारा देश सैकड़ों अरब डॉलर कमाएगा,” उन्होंने दोहराया। उनके मुताबिक यह आर्थिक नीति अमेरिका को न सिर्फ आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि मौजूदा कर्ज संकट से भी बाहर निकालेगी।
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