Shibu Soren:
रांची। झारखंड की राजनीति और सामाजिक चेतना के स्तंभ दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन की खबर से पूरा राज्य शोकाकुल हो गया है। जैसे ही यह दुखद समाचार सामने आया, राज्य भर में शोक की लहर दौड़ गई। मोरहाबादी स्थित उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का तांता लग गया है। आमजन से लेकर राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि लगातार पहुंच रहे हैं।
श्रद्धालुओं और शुभचिंतकों की आंखें नम
हर आने वाले की आंखें नम हैं और चेहरे पर गहरा दुख साफ झलक रहा है। श्रद्धालुओं और शुभचिंतकों के बीच एक ही भावना है-“हमने अपने नेता नहीं, एक युग को खो दिया।” शिबू सोरेन ने जीवनभर आदिवासी, दलित और वंचित वर्गों की आवाज को बुलंद किया और झारखंड आंदोलन के अगुआ रहे।
उनकी मृत्यु से न केवल झारखंड, बल्कि देशभर की आदिवासी राजनीति को अपूरणीय क्षति पहुंची है। कई लोग घरों और दफ्तरों में टीवी और रेडियो से चिपके हुए हैं, हर अपडेट का इंतज़ार कर रहे हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यालय में झंडा झुका दिया गया है।
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