Increased in monsoon:
नई दिल्ली, एजेंसियां। मानसून का मौसम कई लोगों को राहत जरूर देता है, लेकिन साथ ही नमी और बैक्टीरिया की वजह से नाक से जुड़ी कई परेशानियां भी बढ़ जाती हैं। नाक बहना, बंद होना, जलन जैसी समस्याएं इस मौसम में आम हो जाती हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। डॉ. वी.के. मिश्रा के अनुसार, मानसून में हवा में नमी और फफूंद के कारण नाक की कई बीमारियां फैलती हैं।
आइए जानें मानसून में नाक से जुड़ी 5 सामान्य समस्याएं और उनसे बचाव के उपाय:
एलर्जिक राइनाइटिस
मानसून में नमी और फफूंद की वृद्धि से एलर्जिक राइनाइटिस होता है। बार-बार छींकें आना, नाक बहना और आंखों में जलन इसके मुख्य लक्षण हैं। बचाव के लिए कमरे को सूखा और हवादार रखें, बेडशीट व पर्दे नियमित धोएं और धूल-मिट्टी से बचें।
साइनस इंफेक्शन
बारिश के मौसम में साइनस की समस्या बढ़ जाती है। सिर दर्द, गालों में भारीपन और नाक बंद होना इसके लक्षण हैं। भाप लें, गर्म पानी पीएं और सिर को गीला रखने से बचें। समस्या बनी रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें।

नाक बंद होना
ठंडी हवा और नमी से नाक की अंदरूनी परत सूज जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। गुनगुने पानी से नाक साफ करें, नासिका स्प्रे का उपयोग करें और ठंडी चीजों से बचें।
नाक से खून आना
मानसून में वातावरण के बदलाव से नाक की नसें फट सकती हैं, जिससे खून आता है। नाक में नमी बनाए रखें, बार-बार नाक न झाड़ें और खून आने पर सिर झुकाकर रोकने की कोशिश करें।
फंगल इंफेक्शन
नमी की वजह से फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे नाक में खुजली, बदबू और सांस लेने में दिक्कत होती है। साफ-सफाई रखें, नमी से बचें और फंगल संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत इलाज करवाएं।
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