Samajwadi Party:
लखनऊ, एजेंसियां। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 50 से कम छात्रों वाले बेसिक विद्यालयों को बंद या मर्ज करने के फैसले का व्यापक विरोध शुरू हो गया है। समाजवादी पार्टी (सपा) ने इस फैसले को गरीब छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ बताया है और इसके विरोध में ‘PDA पाठशाला’ की शुरुआत की है। यह पाठशाला अमेठी के इस्माइलपुर गांव में शुरू की गई है, जहां दो दर्जन से अधिक बच्चों को सपा नेता जय सिंह यादव ने पढ़ाया।
क्या है मामला?
उत्तर प्रदेश सरकार ने उन बेसिक स्कूलों को मर्ज करने का फैसला लिया है, जहां छात्रों की संख्या 50 से कम है। सरकार का कहना है कि इससे संसाधनों का बेहतर उपयोग और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकेगा। राज्य भर में करीब 27,000 स्कूलों को मर्ज करने की योजना है।
समाजवादी पार्टी का विरोध
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने इस फैसले को गरीबों के शिक्षा अधिकार पर हमला करार दिया है। उन्होंने ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा और कहा कि “शिक्षा कोई लाभ-हानि का व्यापार नहीं है।” अखिलेश ने कहा कि यदि बीजेपी सरकार स्कूल बंद करती है, तो PDA (पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक) समाज खुद स्कूल चलाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार शिक्षा विरोधी है और बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है।
‘शिक्षा का अधिकार नहीं छीनने देंगे’अखिलेश यादव ने यह भी कहा कि पार्टी के कई युवा साइकिल पर किताबें लेकर गांवों में बच्चों को पढ़ाने के लिए निकल चुके हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह PDA पाठशालाओं पर बुलडोजर चलवाएगी या शिक्षकों पर एफआईआर करवाएगी?
विपक्ष का तर्क
सपा और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि छोटे स्कूलों को बड़े स्कूलों में मर्ज करने से ग्रामीण और दूर-दराज इलाकों के बच्चों को लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी, जिससे शिक्षा बाधित होगी और ड्रॉपआउट दर बढ़ सकती है।
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