Kiren Rijiju:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 26 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र में बार-बार हो रहे गतिरोध पर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष को घेरा। उन्होंने कहा कि संसद की कार्यवाही बाधित होने से सबसे ज्यादा नुकसान खुद विपक्ष को होता है, क्योंकि इससे वह सरकार से कड़े सवाल पूछने का अवसर खो देता है।
सरकार नहीं, विपक्ष का होता है नुकसान
रिजिजू ने कहा कि जब संसद नहीं चलती, तो अधिकारी राहत महसूस करते हैं क्योंकि उन्हें जवाबदेही से बचने का मौका मिल जाता है। लेकिन जब सदन चलता है, तो मंत्रियों को जनता और विपक्ष दोनों के तीखे सवालों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “अगर संसद कुछ ही मिनटों में स्थगित हो जाती है तो सवाल भी नहीं पूछे जा सकते।”
“विपक्ष खुद को कर रहा कमजोर”
उन्होंने चेतावनी दी कि संसद में बार-बार बाधा डालकर विपक्ष लोकतंत्र में अपनी भूमिका को खुद ही कमजोर कर रहा है। उन्होंने कहा, “जो लोग समझते हैं कि वे सरकार को चोट पहुंचा रहे हैं, वे असल में अपनी लोकतांत्रिक जिम्मेदारी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
सोशल मीडिया ने बदला संसदीय मर्यादा का खेल
रिजिजू ने कहा कि पहले के समय में, जब अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी जैसे दिग्गज नेता संसद में होते थे, तो सांसद दो बार सोचकर बोलते थे। लेकिन आज सोशल मीडिया के प्रभाव से पहले दिन से ही कार्यवाही बाधित की जा रही है।
विपक्ष, खासकर कांग्रेस, बिहार में चल रहे SIR और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की मांग को लेकर लगातार सदन में हंगामा कर रहा है, जिससे कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पा रही है।
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