Ration card:
रांची, एजेंसियां। अगर आपने पिछले 6 महीने से अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल नहीं किया है, तो अब सतर्क हो जायें। केंद्र सरकार ने 22 जुलाई 2025 को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (नियंत्रण) संशोधन आदेश जारी किया है, जिसके मुताबिक लंबे समय से राशन नहीं लेने वालों का कार्ड एक्टिव नहीं रहेगा। सरकार का कहना है कि ऐसे कार्डधारकों की पहचान की जाएगी और फिर 3 महीने के अंदर घर-घर जाकर जांच की जाएगी। इसके बाद ई-केवाईसी (e-KYC) के जरिए उनकी पात्रता तय होगी। जिन लोगों को वाकई राशन की जरूरत है, उन्हें ही इसका फायदा मिलेगा।
देश में 23 करोड़ राशन कार्ड एक्टिवः
इस नियम का असर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन लेने वाले करोड़ों लोगों पर भी पड़ेगा। देश में फिलहाल करीब 23 करोड़ सक्रिय राशन कार्ड हैं। सूत्रों की मानें तो इस अभियान के बाद 7% से 18% तक राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। इसके अलावा 25 लाख से ज्यादा राशन कार्ड डुप्लीकेट बताए जा रहे हैं, जिन्हें हटाने की तैयारी है।
हर 5 साल में होगी पात्रता की समीक्षाः
नए आदेश में यह भी कहा गया है कि अब हर 5 साल में राशन कार्ड की पात्रता की समीक्षा की जाएगी। कार्डधारकों के परिवार में 5 साल से छोटे बच्चों का आधार नंबर कार्ड से जोड़ा जाएगा और जब वे 5 साल के हो जाएंगे तो उनका केवाईसी जरूरी होगा। जिन लोगों के नाम दो जगह दर्ज हैं, उनके कार्ड 3 महीने के लिए निलंबित कर दिए जाएंगे और उसके बाद उनकी पहचान के आधार पर ही फैसला होगा।
पहले आओ-पहले पाओः
नई पात्रता सूची अब ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर बनेगी। राज्य सरकारें अपने पोर्टल पर वेटिंग लिस्ट जारी करेंगी, जिससे लोगों को पारदर्शिता बनी रहे।
बिहार में हो सकता है सियासी बवालः
बिहार जैसे राज्य में जहां पहले से ही मतदाता सूची को लेकर राजनीति गर्म है, वहां राशन कार्ड से जुड़ा ये आदेश नया बवाल खड़ा कर सकता है। राज्य में करीब 8.71 करोड़ राशन कार्ड हैं और कई सांसदों का मानना है कि विपक्ष इस फैसले को भी लोगों के राशन काटने के तौर पर प्रचारित कर सकता है।
क्यों लाई गई e-KYC की प्रक्रिया?
सरकार का इरादा साफ है – फर्जीवाड़े और अपात्र लाभार्थियों को सिस्टम से बाहर करना। कई बार देखा गया है कि किसी मृत व्यक्ति या अपात्र व्यक्ति के नाम पर भी राशन लिया जा रहा है। वहीं, कुछ लोग फर्जी कार्ड बनवाकर फायदा उठा रहे हैं।
e-KYC प्रक्रिया के जरिए अब हर कार्डधारक का आधार से मिलान किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि मुफ्त राशन का लाभ सिर्फ उन लोगों को मिले जिन्हें वाकई इसकी जरूरत है।
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