Prashant Kishor:
पटना, एजेंसियां। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर और उनके 2000 कार्यकर्ताओं के खिलाफ पटना के सचिवालय थाने में FIR दर्ज की गई है। यह मामला 23 जुलाई 2025 को पटना में आयोजित विरोध मार्च के दौरान हुए हंगामे को लेकर दर्ज किया गया है, जिसमें पार्टी कार्यकर्ताओं पर मारपीट, दंगा और निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का आरोप है।
विरोध प्रदर्शन में पुलिस से हुई हाथापाई
FIR में दावा किया गया है कि जन सुराज के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पटना के सचिवालय क्षेत्र में आयोजित विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस अधिकारियों के साथ धक्का-मुक्की की और हाथापाई की। पुलिस ने 21 से 25 जुलाई तक विधानसभा सत्र के मद्देनजर इलाके में निषेधाज्ञा लागू कर दी थी, लेकिन जन सुराज के कार्यकर्ताओं ने इसका उल्लंघन किया और बैरिकेड तोड़ते हुए SSG गेट तक पहुंच गए।
प्रदर्शन का कारण और आरोप
प्रशांत किशोर और अन्य पार्टी नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने पुलिस द्वारा निर्धारित रास्ते को बदलकर एयरपोर्ट रोड होते हुए पटेल गोलंबर तक जाने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रैफिक जाम हो गया, जिससे आम जनता को परेशानी हुई। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा। अधिकारियों का दावा है कि प्रदर्शनकारियों ने बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन आयोजित किया था।
किशोर का जवाब और आगे की रणनीति
प्रशांत किशोर ने इस घटना के बाद कहा कि जन सुराज प्रतिनिधिमंडल ने बिहार के चीफ सेक्रेटरी से मुलाकात की और अपनी मांगों की लिस्ट सौंपी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर एक हफ्ते में उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो पार्टी मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने का निर्णय ले सकती है।
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