Biryani-Rasgulla scam:
भोपाल, एजेंसियां। जबलपुर के चरगवां इलाके में स्थित सीएम राइज स्कूल में लाखों रुपये के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। स्कूल के प्रिंसिपल बीएस पटेल पर बिरयानी, रसगुल्ला और अन्य फर्जी बिल बनाकर सरकारी धन की हेराफेरी करने के आरोप लगे हैं। इस घोटाले की जानकारी मिलने के बाद आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और लोकायुक्त ने संयुक्त रूप से जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट के बाद
रिपोर्ट के बाद स्थानीय प्रशासन और जांच एजेंसियां सक्रिय हुईं। रिपोर्ट में बताया गया कि स्कूल प्रिंसिपल ने फर्जी बिल बनाकर लाखों रुपये की रकम निकाली, जो स्कूल के चपरासी, प्यून और अन्य कर्मचारियों के खातों में जमा कराई गई, जबकि काम केवल कागजों तक सीमित था। सबसे हैरानी की बात यह रही कि स्कूल के एक चपरासी हीरालाल को ‘सुपरमैन’ बना दिया गया, जबकि उसने न तो कोई काम किया और न ही उसे पैसे मिले। वहीं, अन्य कर्मचारियों के खातों में भारी रकम ट्रांसफर की गई, लेकिन वे खुद इस रकम से अनजान हैं।
घोटाले में बिरयानी और रसगुल्ले
घोटाले में बिरयानी और रसगुल्ले के बिलों के अलावा 8000 रुपये के जूते-चप्पल स्टैंड, जयपुर से मंगाई गई प्रिंटर इंक, गमलों में लगाए गए पौधे, और टेंट के फर्जी बिल भी शामिल हैं। इस पूरे मामले से शिक्षा विभाग की गंभीर वित्तीय अनियमितताएं उजागर हुई हैं।
लोकायुक्त और EOW कार्यालय
शिकायतकर्ता ने दस्तावेजों के साथ लोकायुक्त और EOW कार्यालय में बयान दर्ज कराए हैं। जांच टीम ने प्रिंसिपल से पूछताछ शुरू कर दी है और जल्द ही सख्त कार्रवाई की संभावना है। यह मामला शहडोल के काजू घोटाले की तर्ज पर “बिरयानी-रसगुल्ला घोटाला” के नाम से चर्चित हो गया है। यह खुलासा शिक्षा व्यवस्था की विश्वसनीयता पर प्रश्न चिन्ह लगाता है और विभाग में व्यापक सुधार की मांग को भी मजबूत करता है।
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