Rainy season:
रांची। राजधानी रांची में इन दिनों वायरल बीमारियों ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। लगातार बारिश के बाद मौसम में आए बदलाव का सीधा असर लोगों की सेहत पर देखने को मिल रहा है। रिम्स के मेडिसिन विभाग और चाइल्ड ओपीडी में प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या में अचानक इजाफा हुआ है। पिछले एक सप्ताह के भीतर प्रतिदिन औसतन 200-250 नए मरीज बढ़े हैं, जो वायरल संक्रमण के अलग-अलग लक्षणों से जूझ रहे हैं।

खासकर बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। अस्पतालों की ओपीडी में हर दिन बुखार, खांसी, उल्टी-दस्त, बदन दर्द, सिरदर्द और थकान जैसे लक्षणों से परेशान लोग पहुंच रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो लक्षण डेंगू, मलेरिया और टाइफाइड जैसे लगते हैं, लेकिन जांच रिपोर्ट्स में बीमारी की पुष्टि नहीं हो रही। डॉक्टर इसे ‘इम्यूनिटी की मार’ बता रहे हैं। चाइल्ड ओपीडी में बुखार, खांसी, उल्टी, पेट दर्द, डायरिया की शिकायत लेकर आने वाले बच्चों की संख्या भी लगभग दोगुनी हो गई है।
बचाव के लिए क्या करेः
भीगने के तुरंत कपड़े बदलें, नहाएं
उबला हुआ या साफ पानी ही पीएं
कटे फल या बाहर का खाना न खाएं
कमजोरी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें
6-7 दिन में भी नहीं हो रहा आराम
जॉक्टर कहते हैः
रिम्स मेडिसिन विभाग के यूनिट इंचार्ज डॉ. संजय कुमार सिंह बताते हैं कि अब वायरल से उबरने में पहले की तुलना में ज्यादा समय लग रहा है। पहले सामान्य वायरल 2-3 दिन में ठीक हो जाता था, अब यह 6 से 10 दिन तक बना रहता है। दवा के बावजूद लक्षण खत्म नहीं हो रहे हैं। यह साफ संकेत है कि लोगों की इम्यूनिटी कमजोर हो रही है।
इम्यूनिटी कमजोर होने के 2 कारणः
डॉ. संजय सिंह का कहना है कि बदलते मौसम और बे-मौसम बारिश ने बैक्टीरिया और वायरस को फैलने के लिए मुफीद माहौल दिया है। इसके अलावा कोविड काल के बाद लोगों की इम्यूनिटी भी काफी हद तक प्रभावित हुई है। रिम्स के शिशु रोग विभाग के हेड डॉ. राजीव मिश्रा के अनुसार, अभी जो वायरल चल रहा है वह बच्चों में ज्यादा असर कर रहा है। बहुत से बच्चे लगातार 5 से 7 दिन बुखार में रह रहे हैं। संक्रमण गंभीर नहीं है, लेकिन शरीर की प्राकृतिक लड़ने की क्षमता कमजोर साबित हो रही है।
इसे भी पढ़ें
Health Tips: गर्दन या कंधे में अकड़न हो तो न करें नजरअंदाज, हो सकती है गंभीर बीमारी की शुरुआत