Monsoon session:
पटना, एजेंसियां। बिहार विधानसभा का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हो रहा है, जो 25 जुलाई तक चलेगा। विधानसभा चुनाव से पहले यह आखिरी सत्र है, ऐसे में जबरदस्त हंगामे के आसार हैं। पिछली बार विधानसभा की कार्यवाही बजट सत्र के दौरान फरवरी और मार्च में हुई थी। इसके बाद से बिहार में लगातार कई हत्याएं हो चुकी है। चुनाव आयोग ने मतदाता पुनरीक्षण का काम शुरू किया है। मानसून सत्र में इन्हीं मुद्दों पर RJD, कांग्रेस और लेफ्ट पार्टियां सरकार को घेरेंगी।
पेश होगा सप्लीमेंट्री बजटः
सत्र के पहले दिन राज्य सरकार द्वारा चालू वित्तीय वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा। इसके साथ राज्यपाल द्वारा स्वीकृत क्रयादेशों और विभिन्न समितियों की रिपोर्टें सदन के पटल पर रखी जाएंगी। विधानसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार 22 और 23 जुलाई को राजकीय विधेयक पेश किए जाएंगे और अलग-अलग राजकीय कार्य होंगे। 24 जुलाई को अनुपूरक बजट पर चर्चा और मतदान के बाद विनियोग विधेयक पेश किया जाएगा।
विधान परिषद में भी पेश होगा सप्लीमेंट्री बजटः
अंतिम दिन 25 जुलाई को गैर सरकारी संकल्पों पर चर्चा होगी। बिहार विधान परिषद में भी चालू वित्तीय वर्ष के लिए सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा। पांच दिनों के सत्र में विधायक और पार्षदों के सवालों के जवाब भी सरकार के मंत्रियों की ओर से दिए जाएंगे।
बिहार में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव आयोग यहां वोटर लिस्ट को नए सिरे से तैयार करने के लिए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन का अभियान चला रहा है। संसद से लेकर विधानसभा में सबसे ज्यादा हंगामा इसी पर हो सकता है। इस मुद्दे पर विपक्षी पार्टियां BJP-JDU के खिलाफ एकजुट हैं। विपक्ष ने चुनाव आयोग के काम में अनियमितता और पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं हुई हैं। कांग्रेस और RJD मिलकर इस मुद्दे पर सरकार को घेरेंगे।
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