Government accommodation:
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की दो बेटियां, प्रियंका और माही, एक बेहद दुर्लभ और गंभीर जेनेटिक बीमारी नेमालाइन मायोपैथी (Nemaline Myopathy) से जूझ रही हैं। हाल ही में एक राष्ट्रीय कार्यशाला में खुद जस्टिस चंद्रचूड़ ने इसका खुलासा किया। इस बीमारी को रॉड बॉडी मायोपैथी भी कहा जाता है और यह मांसपेशियों से जुड़ा जन्मजात विकार है, जिसमें स्केलेटल मांसपेशियों में धागेनुमा संरचनाएं (नेमालाइन बॉडीज) बन जाती हैं, जो मांसपेशियों की ताकत और कार्यक्षमता को बाधित करती हैं।
इसके लक्षणों में मांसपेशियों की कमजोरी, चलने-फिरने में परेशानी, चेहरे की मांसपेशियों में कमजोरी, बोलने और निगलने में कठिनाई तथा सांस लेने में दिक्कतें शामिल हैं। ज़्यादा गंभीर मामलों में मरीजों को ICU जैसी निगरानी और जीवनरक्षक उपकरणों की ज़रूरत पड़ती है।
Government accommodation:चंद्रचूड़ ने बताया
चंद्रचूड़ ने बताया कि बड़ी बेटी प्रियंका की हालत काफी गंभीर है और वह ट्रेकियोस्टोमी ट्यूब पर निर्भर हैं। उन्हें धूल, एलर्जी और संक्रमण से बचाने के लिए विशेष सावधानियां रखनी पड़ती हैं। दिल्ली स्थित उनके सरकारी आवास में ICU जैसे सेटअप की व्यवस्था की गई है, इसी वजह से उन्हें आवास खाली करने में विलंब हुआ।
Government accommodation:इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज नहीं है
इस बीमारी का कोई निश्चित इलाज फिलहाल मौजूद नहीं है और गंभीर स्थिति में यह रोग जानलेवा साबित हो सकता है। नेमालाइन मायोपैथी लाखों में किसी एक को होती है, और इससे प्रभावित मरीजों को उम्रभर विशेष देखभाल की जरूरत होती है। यह खबर सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने चंद्रचूड़ परिवार के प्रति सहानुभूति जताई है और बेटियों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
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