Himachal cloudburst:
शिमला, एजेंसियां। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भयंकर तबाही मचाई है। 30 जून की रात से शुरू हुई इस आपदा में अब तक मंडी जिले में 16 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 55 लोग अब भी लापता हैं। ताजा जानकारी के अनुसार, थुनाग क्षेत्र में गुरुवार को एक और शव बरामद हुआ है। सराज घाटी की करीब 38 पंचायतें अब भी आपदा से बुरी तरह प्रभावित हैं, जहां न सड़कें बची हैं, न बिजली और न ही फोन की सुविधा। इन क्षेत्रों में भोजन और पानी की भी भारी किल्लत पैदा हो गई है। आपदा के कारण संचार पूरी तरह से ठप हो गया है और राहत एवं बचाव टीमें कई इलाकों में अब तक नहीं पहुंच पाई हैं।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। थुनाग के हॉर्टिकल्चर कॉलेज के 92 प्रशिक्षुओं को सुरक्षित निकाला गया है और क्लब महिंद्रा जंजैहली में फंसे 60 पर्यटकों को भी बचाया गया है। हेलिकॉप्टर के माध्यम से जंजैहली और रैणगलू में राशन किट पहुंचाई गई हैं, लेकिन सड़कें बंद होने के कारण राहत सामग्री प्रभावितों तक नहीं पहुंच पा रही है। प्रशासन खच्चरों की मदद से थुनाग तक राशन और पानी पहुंचाने की योजना बना रहा है। बगस्याड़ से थुनाग तक सड़क बहाल करने के लिए मशीनें और जेसीबी लगाई गई हैं। मंडी जिले में 188 सड़कें और 511 बिजली ट्रांसफार्मर अभी बंद हैं, जबकि 25 पंचायतों में पेयजल संकट बना हुआ है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि अब तक जिले में 400 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है, जिसमें से 115 करोड़ का नुकसान सरकारी विभागों को हुआ है और 14 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
चंबा और कांगड़ा जिलों में भारी बारिश
चंबा और कांगड़ा जिलों में भी बारिश जनित घटनाओं में दो और मौतें हुई हैं। चंबा में मकान गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई और कांगड़ा में ब्यास नदी में महिला का शव मिला है। ऊना में भारी बारिश से पोल्ट्री फार्म डूब गया, जिससे 10,000 चूजों की मौत हो गई। कुल्लू के मनाली में भूस्खलन से मनाली-लेह हाईवे 10 घंटे बाधित रहा। राज्य में कुल 246 सड़कें, 404 ट्रांसफार्मर और 784 पेयजल योजनाएं ठप हैं। मौसम विभाग ने आगामी दिनों के लिए भारी बारिश का येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

सरकार ने केंद्र से मांगी वित्तीय सहायता
सरकार ने केंद्र से राहत के लिए वित्तीय सहायता मांगी है और प्रभावित इलाकों में राहत शिविरों की स्थापना की गई है। एनडीआरएफ की टीमों ने करसोग, गोहर और थुनाग में मोर्चा संभाल लिया है और लापता लोगों की तलाश जारी है। यह आपदा न केवल मानव जीवन बल्कि संपूर्ण बुनियादी ढांचे पर गहरा प्रभाव डाल रही है और हिमाचल सरकार राहत एवं पुनर्वास के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
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