Kolkata gang rape case:
कोलकाता, एजेंसियां। दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा से गैंगरेप की घटना के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए पश्चिम बंगाल के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में उन छात्र संघ कक्षों (यूनियन रूम) को सील करने का आदेश दिया है, जहां छात्र संघ चुनाव नहीं हुए हैं। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इन कक्षों का उपयोग केवल आवश्यक प्रशासनिक कार्यों के लिए ही किया जा सकेगा, वह भी तब जब कॉलेज के प्राचार्य या विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार से पूर्व अनुमति ली जाए।
Kolkata gang rape case:कोर्ट का फैसला
कोर्ट का यह फैसला उस गंभीर आपराधिक घटना के संदर्भ में आया है जिसमें पीड़िता ने मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मिश्रा पूर्व छात्र नेता रह चुका है और फिलहाल कॉलेज में अस्थायी कर्मचारी के रूप में कार्यरत था। उसके साथ दो अन्य छात्र, जैब अहमद और प्रामित मुखर्जी भी इस अपराध में शामिल थे। आरोप है कि यूनियन रूम को डराने-धमकाने और शोषण का अड्डा बना दिया गया था। कोर्ट ने दक्षिण कलकत्ता लॉ कॉलेज के यूनियन रूम को पूरी तरह सील रखने का निर्देश दिया है और किसी भी परिस्थिति में उसका इस्तेमाल न करने की बात कही है।
Kolkata gang rape case:याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट को बताया कि राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में कई वर्षों से छात्र संघ चुनाव नहीं कराए गए हैं, जिसके चलते यूनियन रूम पर कब्जा करने और दुरुपयोग की घटनाएं बढ़ी हैं। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 17 जुलाई तक हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि छात्र संघ चुनाव कब और कैसे कराए जाएंगे। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल छात्र परिषद (टीएमसीपी) ने कहा कि वे कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं, लेकिन यूनियन रूम को केवल राजनीतिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। इस घटना के बाद पूरे राज्य में छात्रों की सुरक्षा को लेकर चिंता गहराती जा रही है।
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