Jharkhand Teacher Recruitment: झारखंड शिक्षक नियुक्तिः जिन विषयों की पढ़ाई नहीं, उनकी बीएड डिग्री कैसे लायें छात्र [Jharkhand teacher recruitment: How can students get B.Ed degree in subjects which they have not studied]

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रांची। झारखंड कर्मचारी चयन आयोग यानी जेपीएससी ने राज्य के प्लस टू हाईस्कूलों में माध्यमिक आचार्य यानी सेकेंडरी टीचर के 1373 पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया है। ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसकी अंतिम तिथि 27 अगस्त है। आवेदन के लिए संबंधित विषय में स्नातकोत्तर मतलब पीजी के साथ एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थान से बीएड/ बीएएड/ बीएससीएड डिग्री अनिवार्य है।

झारखंड में तकनीकी विषयों में बीएड की पढ़ाई नहीः

हालांकि, पहली बार जिन तकनीकी विषयों में वैकेंसी निकाली गई है, उनकी बीएड की पढ़ाई राज्य के किसी भी कॉलेज में नहीं होती। ऐसे में इन विषयों से पीजी कर चुके अभ्यर्थियों को आवेदन करने में कठिनाई हो रही है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि जब राज्य में इन विषयों की बीएड पढ़ाई ही नहीं होती, तो उनसे डिग्री की अनिवार्यता कैसे की जा सकती है। उन्होंने मांग की है कि आयोग नियमावली में संशोधन करे या बीएड की अनिवार्यता हटाई जाए। इसके अलावा, भविष्य को ध्यान में रखते हुए इन विषयों में बीएड की पढ़ाई शुरू करने की भी मांग की जा रही है।

अभ्यर्थियों के सुझावः

अभ्यर्थियों ने आयोग को सुझाव दिया है कि जिन तकनीकी विषयों में बीएड की पढ़ाई नहीं होती है, उनसे संबंधित विषयों में बीएड करनेवालों को मौका दिया जाये। मसलन डेटा साइंस के लिए सांख्यिकी में बीएड की डिग्री मान्य हो सकती है। इसके असाला कंप्यूटर साइंस के लिए गणित में बीएड की डिग्री मान्य हो सकती है।

अभ्यर्थियों की मुश्किलेः

  1. साइबर सिक्योरिटी एवं डेटा साइंस : इस विषय में पहली बार 54 पदों पर नियुक्ति होनी है। लेकिन, राज्य में किसी बीएड कॉलेज में इस विषय की पढ़ाई ही नहीं होती, जिससे संबंधित डिग्री प्राप्त करना संभव नहीं है।
  2. कंप्यूटर साइंस : स्कूलों में पढ़ाया जाने वाला यह विषय पहली बार स्थायी शिक्षक बहाली प्रक्रिया में शामिल हुआ है। 151 पदों पर वैकेंसी निकली है, लेकिन बीएड डिग्री उपलब्ध न होने से राज्य के अभ्यर्थी आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
  3. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस : पहली बार प्लस टू हाईस्कूलों में नियुक्ति होने जा रही है। 54 पदों के लिए आवेदन मांगे गए हैं। यह विषय भी पहली बार बहाली में शामिल हुआ है, लेकिन बीएड की अनिवार्यता यहां भी अड़चन बन गई है।

फाजिल डिग्री को मान्यता नहीः

उर्दू में 92 पदों पर आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। लेकिन, इसमें फाजिल डिग्री को मान्यता नहीं दी गई है। जबकि, सरकार की पूर्व की अधिसूचनाओं में इसे स्नातकोत्तर के समकक्ष माना गया है। फाजिल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय को ज्ञापन देकर इस डिग्री को मान्यता देने की मांग की है, ताकि वे भी इस बहाली प्रक्रिया में शामिल हो सकें।

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