Amarnath Yatra:
जम्मू, एजेंसियां। अमरनाथ यात्रा में इस साल सुरक्षा के कड़ इंतजाम किये गये हैं। इसके लिए मॉडर्न तकनीक का भी सहारा लिया जा रहा है। सुरक्षा की जिम्मेदारी कश्मीर जोन के IG वीके बिरधी संभाल रहे हैं। वे भरोसा जताते हुए कहते हैं, ‘यात्रा के लिए मल्टी-लेयर सिक्योरिटी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, केंद्रीय अर्धसैनिक बल और सेना के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बलों की भी तैनाती की गई है।‘
गृह मंत्रालय रख रहा यात्रा पर नजरः
गृह मंत्रालय ने यात्रा के रूट और आसपास के इलाकों की बड़े पैमाने पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती मंजूर की है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन और पुलिस को क्षेत्र में पहले से मौजूद 156 केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) कंपनियों के इस्तेमाल की परमिशन दी गई है।
भगदड़ से बचने के उपायः
इस बार यात्रा में मॉडर्न तकनीक का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। यात्रा के दौरान भगदड़ से बचने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड ने RFID कार्ड को अनिवार्य किया है। इसके जरिए हर यात्री की गिनती और लोकेशन ट्रैक की जाती है।
फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लगेः
IG बिरधी ने कहा, ‘हमने फेशियल रिकग्निशन सिस्टम और अन्य गैजेट्स का इस्तेमाल किया है। इसमें कानून तोड़ने वाले और शरारती तत्वों का डेटाबेस फीड है। अगर ऐसा कोई व्यक्ति यात्रा के दौरान कहीं दिखता है, तो सिस्टम तुरंत अलर्ट जारी करता है, ताकि उसे पकड़ सकें।‘
‘साथ ही हाई-राइज सर्विलांस सिस्टम और अन्य तकनीकी उपकरणों की मदद से पूरे इलाके पर कड़ी नजर रख रहे हैं, ताकि किसी भी खतरे का तुरंत जवाब दिया जा सके।‘
अमरनाथ यात्रा के रूट पर जगह-जगह ऐसे फेशियल रिकग्निशन सिस्टम लगाए गए हैं।
श्रद्धालुओं से निजी गाड़ियों से यात्रा न करने की अपीलः
जम्मू जोन के IG भीम सेन तूती ने बताया कि पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा को और मजबूत किया गया है। उधमपुर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के खिलाफ चल रहे अभियान से भी यात्रा मार्ग को सुरक्षित रखने में मदद मिल रही है।

IG बताते हैं, ‘इस बार 40,000 से ज्यादा जवान, हाई-डेफिनेशन CCTV कैमरे, चेहरा पहचानने वाला सिस्टम (FRS) और ड्रोन तैनात किए गए हैं। मेडिकल और आपदा प्रबंधन की सुविधाएं भी हर कदम पर मौजूद हैं।‘ उन्होंने यात्रियों से काफिले में यात्रा करने और निजी गाड़ियों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है।
यात्री तय टाइमिंग का पालन करेः
वहीं, गांदरबल के SSP खलील पोसवाल यात्रियों से अपील करते हुए कहते हैं, सभी तय टाइमिंग का पालन करें। सुरक्षा नीतियों के अनुसार चलें। अकेले या एकांत में मूवमेंट करने से बचें। लोकल ड्राइवरों के कहने पर सुनसान रूट्स से न जाएं क्योंकि वहां जोखिम ज्यादा है। साथ ही, पर्यटकों को सिंध नदी के किनारे जाने से बचने की सलाह दी गई है।
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