JE Suresh Verma :
रांची। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग में कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक बड़े मामले में जूनियर इंजीनियर सुरेश वर्मा के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है। यह मामला जमशेदपुर में दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिसमें सुरेश वर्मा पर ठेकेदार से बकाया बिल के भुगतान के लिए 10,000 रुपये की रिश्वत मांगने और लेने का आरोप है। वर्ष 2019 में निगरानी विभाग ने उन्हें घूस लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया था और उनके घर से 2.67 करोड़ रुपये नकद जब्त किए गए थे। बाद में ईडी ने इस प्राथमिकी को आधार बनाकर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की।
JE Suresh Verma :14 लोग बन चुके आरोपी
इस घोटाले में अब तक ईडी 14 लोगों को आरोपी बना चुकी है और यह सुरेश वर्मा के खिलाफ चौथा आरोप पत्र है। जांच के दौरान पता चला कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर के मूल्य का 10% कमीशन नियमित तौर पर लिया जाता था और उसका विभाजन उच्च अधिकारियों, मंत्रियों और उनके करीबियों के बीच होता था। ईडी ने अब तक 38 करोड़ रुपये नकद, 1.65 करोड़ रुपये मूल्य के जेवरात और आठ लक्जरी गाड़ियां जब्त की हैं। इसके अलावा 44 करोड़ रुपये की संपत्ति को भी जब्त किया गया है।
JE Suresh Verma :अभियंता बीरेंद्र राम से पूछताछ
मुख्य अभियंता बीरेंद्र राम की पूछताछ में हवाला कारोबारियों, दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट और फर्जी कंपनियों के नेटवर्क का भी खुलासा हुआ, जो इस मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल थे। इसी के आधार पर पूर्व मंत्री आलमगीर आलम, उनके आप्त सचिव और करीबी सहयोगी जहांगीर आलम के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी, जहां से 32.20 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। मामले की जांच अभी भी जारी है।
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