Yashwant Verma:
नई दिल्ली, एजेंसियां। पूर्व जज यशवंत वर्मा की बर्खास्तगी की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने की है। उनके 30 तुगलक क्रेसेंट स्थित सरकारी आवास में जलती मुद्रा के ढेर मिले थे। इसके तीन महीने बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय जजों की समिति ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश और वर्तमान इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा को पद से हटाने की सिफारिश की है।
Yashwant Verma: 64 पेज की रिपोर्ट सौंपी गई राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री कोः
समिति ने अपनी 64 पृष्ठीय रिपोर्ट राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार, 14 मार्च की रात जब स्टोररूम में आग लगी तो दमकल कर्मियों ने भीतर “जलती हुई 500 रुपये की नोटों की ढेर” देखी। समिति ने कुल 55 गवाहों के बयान दर्ज किए, जिनमें से एक ने बताया – “जैसे ही मैं भीतर गया, दाईं ओर और सामने 500 रुपये की नोटों का बड़ा ढेर जमीन पर बिखरा पड़ा था। यह मेरी ज़िंदगी में पहली बार था जब मैंने इतनी बड़ी मात्रा में कैश देखा।”
पृष्ठ 60 पर समिति लिखती है – “यह धनराशि 30 तुगलक क्रेसेंट परिसर के स्टोररूम में पाई गई, जिसे आधिकारिक रूप से न्यायमूर्ति वर्मा ने अधिकृत किया था।” जबकि पृष्ठ 59 में यह स्पष्ट किया गया – “स्टोररूम तक पहुंच सिर्फ न्यायमूर्ति वर्मा और उनके परिजनों के पास थी और यह क्षेत्र किसी भी बाहरी व्यक्ति के लिए बिना अनुमति के सुलभ नहीं था।”
Yashwant Verma: दमकलकर्मियों को मुंह बंद रखने को कहा गया थाः
समिति की पड़ताल में यह भी सामने आया कि न्यायमूर्ति वर्मा की बेटी दिया वर्मा और उनके निजी सचिव राजेन्द्र कार्की ने कथित रूप से दमकलकर्मियों से कहा कि “नकदी का ज़िक्र न करें”। रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया कि – “ये जली हुई नकदी अत्यधिक संदेहास्पद है और छोटे मूल्य की नहीं थी। ऐसी रकम बिना न्यायमूर्ति वर्मा या उनके परिवार की सक्रिय सहमति के वहां नहीं रखी जा सकती थी।”
Yashwant Verma: जांच में सभी आरोपों की हुई पुष्टिः
समिति ने अंत में लिखा – “तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश संजीव कुमार द्वारा लगाए गए आरोपों में पर्याप्त तथ्य हैं और साबित हुए दुराचार इतने गंभीर हैं कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा को पद से हटाने की कार्यवाही शुरू की जानी चाहिए।”
Yashwant Verma: पूर्व जज ने आरापों को नकाराः
हालांकि, वर्मा ने इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि न तो उन्हें और न ही उनके परिवार को नकदी के बारे में कोई जानकारी थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि वह कमरा मुख्य भवन से अलग था और परिसर में पहले से मौजूद किसी भी व्यक्ति को उसमें जाने से नहीं रोका गया था। एनडीटीवी ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि संसद में महाभियोग की कार्यवाही जल्द शुरू हो सकती है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सभी दलों से संपर्क कर इस ऐतिहासिक कदम पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेंगे, क्योंकि यह पहली बार होगा जब किसी मौजूदा न्यायाधीश को ज़बरदस्ती पद से हटाने की प्रक्रिया चलाई जाएगी।