Down syndrome:
नई दिल्ली, एजेंसियां। 20 जून को रिलीज हो रही एक खास फिल्म में डाउन सिंड्रोम से ग्रसित बच्चों की कहानी दिखाई जाएगी। डाउन सिंड्रोम कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक जैविक स्थिति है, जिसे समझना और स्वीकारना समाज के लिए बेहद जरूरी है।
Down syndrome:डाउन सिंड्रोम क्या है?
फरीदाबाद के मारेंगो अस्पताल के न्यूरोलॉजी निदेशक डॉ. कुणाल बहरानी के अनुसार, डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक कंडीशन है। इसमें व्यक्ति के 21वें क्रोमोसोम की एक अतिरिक्त कॉपी होती है, जिससे कुल क्रोमोसोम की संख्या 47 हो जाती है। यह अतिरिक्त क्रोमोसोम विकास, सीखने और शारीरिक बनावट को प्रभावित करता है। यह संक्रमण नहीं है और जन्म से ही रहता है।
Down syndrome:डाउन सिंड्रोम के लक्षण:
चेहरा गोल और चपटा दिखना
आंखों की बनावट ऊपर उठी हुई लगना
जीभ अक्सर बाहर निकली हुई रहना
मांसपेशियों की कमजोरी
विकास की धीमी गति
सीखने में दिक्कत
बोलने और समझने में देरी
Down syndrome:क्या डाउन सिंड्रोम का इलाज है?
डाउन सिंड्रोम एक जीवनभर रहने वाली स्थिति है, जिसे पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता। हालांकि, सही देखभाल, थैरेपी और सहयोग से ये बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसमें स्पीच थैरेपी, फिजियोथैरेपी, स्पेशल एजुकेशन और परिवार-समाज का सहयोग अहम होता है।
इसे भी पढ़ें