Ahmedabad plane crash:
अहमदाबाद, एजेंसियां। अहमदाबाद में भीषण विमान दुर्घटना में मरने वालों की संख्या 274 हो गई है। एयर इंडिया की लंदन जाने वाली उड़ान एआई-171, जो बोइंग 787-8 विमान थी, अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ समय बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से 241 की मौत हो चुकी है। सिर्फ एक व्यक्ति ही इस भयावह दुर्घटना में जीवित बच पाया है।
Ahmedabad plane crash: 92 मृतकों की पहचान 47 शव सौंपे गए:
अस्पताल अधिकारियों के अनुसार, अब तक डीएनए मिलान के माध्यम से 92 शवों की पहचान हो चुकी है। इनमें से 47 शव परिजनों को सौंपे जा चुके हैं। ये परिजन गुजरात के अहमदाबाद, वडोदरा, खेड़ा, बोटाद और अन्य इलाकों से ताल्लुक रखते हैं।
Ahmedabad plane crash: पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मौत:
गुजरात सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के निधन पर राजकीय शोक की घोषणा की है। रूपाणी भी इस विमान में सवार थे और इस हादसे में उनका निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार आज शाम राजकोट में किया जाएगा।
Ahmedabad plane crash: मेडिकल कॉलेज के छात्र, विदेशी नागरिक भी शिकार:
इस दुर्घटना में मेडिकल कॉलेज के पांच छात्रों समेत 29 अन्य लोगों की भी मौत हुई है। कुछ विदेशी नागरिकों के परिजन अहमदाबाद पहुंच चुके हैं। शवों को सुरक्षित रखने के लिए 100 ताबूत वडोदरा से अहमदाबाद लाए गए हैं।
Ahmedabad plane crash: डीएनए जांच में जुटी 590 लोगों की टीम:
डीएनए जांच के लिए 590 लोगों की एक विशाल टीम लगाई गई है, जिसमें 36 फॉरेंसिक एक्सपर्ट और 554 मेडिकल स्टाफ शामिल हैं। मृतकों की पहचान होते ही परिजनों से संपर्क कर शव सौंपा जा रहा है। इसके लिए 230 टीमें बनाई गई हैं, जो सीधे परिजनों के संपर्क में हैं।
Ahmedabad plane crash: पोस्टमॉर्टम क्षेत्र में परिजन मौजूद:
इस समय 13 परिजन पोस्टमॉर्टम क्षेत्र में मौजूद हैं। 12 और परिजन दोपहर 12 बजे के करीब बुलाए गए हैं, जबकि कुछ परिजन एक से अधिक स्वजनों की मौत के कारण डीएनए रिपोर्ट की प्रतीक्षा में हैं।
Ahmedabad plane crash: सरकार की सहायता:
राज्य राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने बताया कि दुर्घटना में मारे गए सभी 230 यात्रियों के परिवारों से संपर्क कर लिया गया है। तीन यात्रियों के परिजन अभी विदेश में हैं और उनके आज शाम तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। पांडे ने यह भी कहा कि शवों के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र भी सौंपे जा रहे हैं, ताकि परिजनों को कानूनी या दस्तावेजी परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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