Forest department:
रांची। रांची के सिल्ली इलाके से रेस्क्यू किए गए बाघ को गुरुवार सुबह 7 बजे पलामू टाइगर रिजर्व के जंगलों में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। झारखंड वन विभाग ने इस बाघ का नाम ‘किला’ रखा है। नामकरण की वजह यह है कि इस बाघ को सबसे पहले पलामू किला क्षेत्र के आसपास देखा गया था।
Forest departmentकिन इलाको में घूम रहा था बाघ ?
बाघ ‘किला’ की उम्र करीब 4.5 वर्ष है और यह नर प्रजाति का है। इसे रेस्क्यू के बाद कई दिनों तक निगरानी में रखा गया था। इससे पहले यह बाघ हजारीबाग, चतरा, गुमला और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक घूमता रहा, जिससे लोगों में दहशत का माहौल था। वन विभाग की टीम ने कड़ी मेहनत के बाद इसे ट्रैक कर पकड़ा और सिल्ली से सुरक्षित रेस्क्यू किया। अब बाघ को पलामू टाइगर रिजर्व में उसकी प्राकृतिक आवासीय स्थिति में छोड़ा गया है, जहां उस पर वन विभाग की विशेष निगरानी रखी जा रही है। बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ट्रैकिंग सिस्टम और फील्ड पेट्रोलिंग को सक्रिय किया गया है।
Forest departmentवन विभाग ने बताया
वन विभाग ने बताया कि ‘किला’ के मूवमेंट को समझना और ट्रैक करना बेहद जरूरी है, ताकि वह मानव आबादी की ओर न बढ़े और खुद सुरक्षित रहे। वन अधिकारियों ने कहा कि बाघ को उचित जगह पर छोड़ने से वह अपने प्राकृतिक जीवन में लौट सकेगा।
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