नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तथा कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश के बीच ठन गई है।
गडकरी इन दोनों के खिलाफ कोर्ट पहुंच गये हैं। उन्होंने मल्लिकार्जुन खड़गे और जयराम रमेश को लीगल नोटिस भेजा है।
नोटिस के जरिए उन्होंने दोनों से तीन दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि नितिन गडकरी के बारे में भ्रम फैलाने वाला वीडियो शेयर किया जा रहा है।
इसके जरिए उनकी छवि बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। गडकरी ने इस नोटिस के जरिए कांग्रेस के नेताओं को उनसे लिखित तौर पर 3 दिन के अंदर माफी मांगने को कहा है।
साथ ही, उन्होंने कही है कि यह वीडियो 24 घंटे के भीतर हटाया जाए। हालांकि अबतक ट्विटर हैंडल से यह वीडियो नहीं हटाया गया है।
नितिन गडकरी के वकील बालेंदु शेखर ने बताया कि वीडियो देखकर मेरे मुवक्किल हैरान रह गए। इसके बाद उन्होंने नोटिस भेजा।
नोटिस में लिखा है कि, ये कानूनी नोटिस आपको एक्स से पोस्ट को तुरंत हटाने के लिए कहता है। कानूनी नोटिस मिलने के बाद किसी भी हालत में पोस्ट को अगले 24 घंटे में हटाया जाए।
साथ ही तीन दिनों के भीतर मेरे मुवक्किल से लिखित माफी मांगी जाए।’अगर ऐसा नहीं किया जाता है, तो मेरे मुवक्किल के पास आपके जोखिम और खर्च पर नागरिक एवं आपराधिक सभी कार्रवाइयों का सहारा लेने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा।
गडकरी के वकील ने यहां तक दावा किया कि वीडियो को इसलिए शेयर किया गया, ताकि बीजेपी के भीतर अंतर्कलह फैलाई जा सके।
क्या है वीडियो में
भारत जोड़ो न्याय यात्रा के X अकाउंट पर यह वीडियो शुक्रवार 1 मार्च को पोस्ट किया गया। इसे जयराम रमेश ने री-पोस्ट किया।
वीडियो में नितिन गडकरी कहते हुए नजर आ रहे हैं कि आज गांव, मजदूर और किसान दुखी है। गांव में अच्छी सड़कें नहीं हैं, पीने के लिए शुद्ध पानी नहीं है, अच्छे अस्पताल नहीं हैं, अच्छे स्कूल नहीं हैं।
कैप्शन में लिखा है- अन्याय का कबूलनामा। इसके तुरंत बाद राहुल गांधी का वीडियो है, जिसमें वे कह रहे हैं कि आदिवासियों का जल, जंगल और जमीन कांग्रेस सरकार उन्हें वापस लौटाएगी।
गडकरी के मुताबिक कांग्रेस ने वीडियो से उन हिस्सों को काट दिया है, जहां उन्होंने बताया कि कितने प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे हैं।
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