कोलकाता, एजेंसियां। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ईद और नवरात्रि के अवसर पर शांति और भाईचारे का संदेश दिया। एक इफ्तार पार्टी में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल की धरती रामकृष्ण परमहंस और स्वामी विवेकानंद की धरती है, और यहां सभी धर्मों का सम्मान किया जाता है।
ममता ने कहा कि वह हमेशा शांति बनाए रखने की अपील करती हैं और किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक दंगों को बढ़ावा नहीं देतीं।
दंगे नहीं शांति चाहते है
ममता ने कहा कि वह अक्सर इफ्तार पार्टियों में भाग लेती हैं और इस अवसर पर उन्होंने नवरात्रि के लिए भी शुभकामनाएं दीं। उन्होंने यह भी कहा कि बंगाल में दंगे नहीं होने चाहिए और हम शांति चाहते हैं। ममता ने कुछ नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन उनका धर्म नफरत फैलाना नहीं है।
ब्रिटेन में क्या बताया ममता ने
ममता ने यह भी बताया कि हाल ही में ब्रिटेन में कुछ नेताओं ने उनसे पूछा, “क्या आप हिंदू हैं?” इस पर ममता ने जवाब दिया, “मैं हिंदू हूं, मुस्लिम हूं, ईसाई हूं, भारतीय हूं।” मुख्यमंत्री ने भारतीय सेना का उदाहरण देते हुए कहा कि जब सेना काम करती है, तो उसकी केवल एक पहचान होती है – भारतीय, वह किसी धर्म को नहीं देखती।
स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस का दी उदाहरण
स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस का उदाहरण देते हुए ममता ने कहा कि उनका धर्म हमें एकता और भाईचारे का संदेश देता है, न कि नफरत फैलाने का। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग धर्म को बेचने की कोशिश करते हैं, लेकिन उनकी सरकार इसे नहीं होने देगी। ममता ने बंगाल में सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि उनकी सरकार इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएगी।
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