नई दिल्ली, एजेंसियां। ChatGPT जैसे चैटबॉट्स के अत्यधिक उपयोग से अकेलेपन और भावनात्मक निर्भरता जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बारे में कई गंभीर परिणाम सामने आए हैं। OpenAI और MIT द्वारा किए गए शोध में पाया गया है कि जो लोग चैटबॉट्स के साथ अधिक समय बिताते हैं, उन्हें इंसानी रिश्तों में कमी और अकेलेपन का अनुभव होता है।
स्टडी के अनुसार
स्टडी के अनुसार, चैटबॉट्स पर ज्यादा भावनात्मक रूप से निर्भर रहने वाले लोगों में अकेलेपन की भावना कहीं अधिक गहरी हो जाती है। यही नहीं, ऐसे लोग दूसरे लोगों से मेलजोल में भी परेशानी महसूस करते हैं।
चैटबॉट के यूज को लेकर जताई जा रही चिंता
इस अध्ययन के बाद, खासकर युवाओं और मानसिक परेशानी से जूझ रहे लोगों पर चैटबॉट्स के प्रभाव को लेकर चिंताएं जताई जा रही हैं। पिछले साल एक अन्य चैटबॉट पर बच्चों को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप भी लगा था, जिससे इस टेक्नोलॉजी के उपयोग से उत्पन्न होने वाली मानसिक समस्याओं पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
हालांकि, शोधकर्ता इस अध्ययन को शुरुआती चरण में मानते हैं और उन्होंने आगे की रिसर्च की आवश्यकता जताई है, ताकि इस टेक्नोलॉजी के मनोवैज्ञानिक प्रभावों को बेहतर तरीके से समझा जा सके।
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