बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम बंद
उत्तराखंड , एजेंसियां। केदारनाथ धाम में मार्च के पहले और दूसरे सप्ताह में हुई भारी बर्फबारी के कारण यात्रा तैयारियों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। धाम में 3 फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है, जिससे आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों में बाधा आ रही है। यात्रा की शुरुआत में अब सिर्फ 39 दिन ही शेष हैं, लेकिन बर्फबारी के कारण पुनर्निर्माण कार्यों और यात्रा मार्ग के दुरुस्त करने का काम प्रभावित हो रहा है।
बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम का मंदिर मार्ग, मंदिर परिसर और अन्य क्षेत्रों में बर्फ की मोटी परत जमा हो गई है। कई भवनों और कैंपों की छतों पर बर्फ के भारी दबाव के कारण कुछ कार्यदायी संस्थाओं के कैंपों को नुकसान हुआ है। लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) के अधिशासी अभियंता विनय झिक्वांण ने बताया कि बर्फ के कारण कई कैंप क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई भवनों की छतें टूट गई हैं।
पैदल मार्ग पर बर्फबारी का असर
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भी बर्फबारी का असर पड़ा है। फिलहाल, बर्फ हटाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है, और यदि मौसम ठीक रहता है, तो अप्रैल के पहले सप्ताह तक पैदल मार्ग को खोलने का काम पूरा किया जाएगा।
प्रशासन की तैयारी
चारधाम यात्रा की शुरुआत 2 मई 2025 से होने वाली है, लेकिन बर्फबारी के कारण यात्रा मार्ग की मरम्मत, चौड़ीकरण और पुनर्निर्माण कार्यों में देरी हो रही है। प्रशासन ने अतिरिक्त मशीनों और श्रमिकों की संख्या बढ़ा दी है, लेकिन खराब मौसम के कारण कार्य धीमी गति से चल रहा है।
स्थानीय निवासियों की चिंता
बर्फबारी के कारण केदारनाथ धाम में स्थानीय निवासियों को भी चिंता है, क्योंकि उनकी रोजी-रोटी यात्रा पर निर्भर करती है। यदि यात्रा मार्ग समय से ठीक नहीं हुआ तो उनके लिए यह बड़ी समस्या बन सकती है।
यात्रियों के लिए सलाह
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यात्रा के लिए उचित तैयारी के साथ निकलें। यात्रा शुरू होने से पहले सभी आवश्यक सुविधाओं को सुचारु कर दिया जाएगा, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन ने स्थिति पर कड़ी नजर बनाए रखी है और युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है ताकि यात्रा से पहले सभी तैयारियां पूरी हो सकें।
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